Delhi Riots: गवाहों ने दंगाई के रूप में नहीं पहचाना, कोर्ट ने तीन को किया बरी
सोनिया विहार सर्कुलर रोड निवासी शिवम पंडित ने खजूरी खास थाने में प्राथमिकी कराई थी उसमें आरोप लगाया था कि 25 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने उनके घर पर तोड़ ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगा व आगजनी के दो मामलों में तीन लोगों को बरी कर दिया। खजूरी खास इलाके की घटना के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आरोपित मोहम्मद हासिम और मोहम्मद शमशेर को बरी करते हुए कहा कि गवाह दंगाई के रूप में इनकी पहचान नहीं कर पाए। इसी कोर्ट ने दयालपुर की घटना के मामले में सलमान उर्फ पप्पू को सभी आरोपों से बरी किया है।
घर में लूटपाट के बाद तोड़फोड़ कर लगाई थी आग
सोनिया विहार सर्कुलर रोड निवासी शिवम पंडित ने खजूरी खास थाने में प्राथमिकी कराई थी, उसमें आरोप लगाया था कि 25 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने उनके घर पर तोड़फा़ेड़, लूटपाट के बाद आग लगा दी थी। इसमें दूसरी शिकायत सोनिया विहार के दुर्गा प्रसाद तिवारी की जोड़ी गई थी। उनका आरोप था कि दंगाइयों ने प्राचीन शिव मंदिर के गेट पर हमला किया और मंदिर के बाहर पड़े गद्दों में आग लगा दी।
तीसरी शिकायत पर पुलिस ने शमशेर को बनाया आरोपित
तीसरी शिकायत निर्मला शर्मा की जोड़ी गई थी। इनमें पुलिस ने मोहम्मद हासिम और मोहम्मद शमशेर को आरोपित बनाया था। पिछले वर्ष सितंबर में इन दोनों पर आरोप तय कर दिए गए थे। इसमें अभियोजन के साक्ष्यों व गवाहों के बयान हो रहे थे।
नहीं हो सकती दंगाई के रूप में पहचान
कोर्ट ने पाया कि अभियोजन शिकायतकर्ता शिवम और कांस्टेबल अमित के बयान पर भरोसा कर रहा है, लेकिन ये दोनों ही आरोपितों को दंगाई के रूप में पहचान नहीं पाए हैं। कांस्टेबल अमित ने कोर्ट में बयान देते वक्त बताया कि उसने आरोपितों को मुखबिर की सूचना पर पकड़ा था। कोर्ट ने पाया कि आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है, दोनों आरोपितों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। इसी तरह दयालपुर में ब्रजपुरी क्षेत्र में आगजनी के मामले में इस कोर्ट ने आरोपित सलमान को सभी आरोपों से बरी कर दिया। सलमान को दंगे के दौरान चोट लग गई थी, उसकी वजह स्पष्ट न कर पाने पर पुलिस ने उसे आरोपित बनाया था। सुनवाई के दौरान सार्वजनिक गवाह मुकर गए थे।

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