Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Riots: दंगे में दुकान जलाने के समय को लेकर विरोधाभास, कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात आरोपियों को किया बरी

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Tue, 21 Nov 2023 05:00 AM (IST)

    दुकान में पुरानी एलसीडी एलईडी गीजर आदि खरीदने और बेचने का काम होता था। दंगाइयों ने लूटपाट करने के बाद उनकी दुकान जला दी थी। यह दावा किया था कि उनके पास इसका वीडियो और फोटो भी है। इस मामले में भागीरथी विहार निवासी बाबू उर्फ साहिल दिनेश यादव उर्फ माइकल टिंकू संदीप उर्फ मोगली गोलू कश्यप उर्फ सोनू विकास कश्यप और अशोक को आरोपित बनाया गया था।

    Hero Image
    गोकलपुरी की घटना के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट का निर्णय (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली दंगे में दुकान जलाने के मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात लोगों को बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आदेश में कहा कि अभियोजन की कहानी और प्रस्तुत साक्ष्यों में घटना के समय को लेकर विरोधाभास है, जोकि एक बड़े हादसे जैसा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसका लाभ आरोपितों को मिलना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने घटना के जिस वीडियो की बात कही थी, वह भी साक्ष्य के तौर पर नहीं रखा गया। ऐसे में यह साबित नहीं हो पाया कि आरोपित बनाए गए व्यक्ति घटना को अंजाम देने वाली दंगाई भीड़ में शामिल थे।

    दंगाइयों ने आग लगा दी थी

    फरवरी 2020 में हुए दंगे में गोकलपुरी थाना क्षेत्र के भागीरथी विहार में मेन नाला रोड स्थित दुकान में दंगाइयों ने आग लगा दी थी। दुकानदार सलमान मलिक की शिकायत पर इस घटना की प्राथमिकी पंजीकृत हुई थी। उसमें दुकानदार ने बताया था कि दुकान में पुरानी एलसीडी, एलईडी, गीजर आदि खरीदने और बेचने का काम होता था।

    दंगाइयों ने लूटपाट करने के बाद उनकी दुकान जला दी थी। यह दावा किया था कि उनके पास इसका वीडियो और फोटो भी है। इस मामले में भागीरथी विहार निवासी बाबू उर्फ साहिल, दिनेश यादव उर्फ माइकल, टिंकू, संदीप उर्फ मोगली, गोलू कश्यप उर्फ सोनू, विकास कश्यप और अशोक को आरोपित बनाया गया था।

    ट्रायल के दौरान अधिवक्ता रक्षपाल सिंह ने आरोपितों की ओर से पक्ष रखते हुए दलील दी कि आरोपितों पर 24-25 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात को घटना होने के संबंध में आरोप तय किए गए थे। जबकि इस समय घटना का कोई साक्ष्य नहीं है। पुलिस ने 25 फरवरी 2020 की सुबह की घटना बताते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं।

    यह भी पढ़ेंः Virendra Sehwag ने बताया ऑस्ट्रेलिया ने क्यों जीता वर्ल्ड कप, इस बड़े फैसले की वजह से छठी बार बना चैंपियन

    दलील में यह भी बताया कि शिकायतकर्ता दुकानदार ने शिकायत में घटना 25 फरवरी 2020 की शाम की बताई है। दुकानदार के पड़ोसी की गवाही में बताए गए समय पर भी उन्होंने कोर्ट का ध्यान आकर्षित कराया। अभियान की ओर से भी दलीलें दी गईं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने घटना के समय को लेकर विरोधाभास पाते हुए आरोपितों को बरी कर दिया।