Delhi Riots 2020: 'मेरी मां बूढ़ी, मैं अकेला...' शरजील इमाम ने दिल्ली दंगा साजिश के आरोपों पर क्या कहा?
दिल्ली दंगों के मामले में शरजील इमाम ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर करते हुए साजिश में शामिल होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह किसी भी साजिश या बैठकों का हिस्सा नहीं थे और उन पर लगे सभी आरोप गलत हैं। अगली सुनवाई 21 मई को हागी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: Delhi Riots से जुड़ी साजिश के मामले में आरोपित JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया।
न्यायमूर्ति नवीन चावला व न्यायमूर्ति शैलिंदर कौर की पीठ के समक्ष कहा कि वह अन्य सह-आरोपितों से अलग है। तर्क दिया कि किसी साजिश या बैठकों का हिस्सा नहीं हैं। जैसा कि दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है।
इमाम की तरफ से पेश अधिवक्ता तालिब मुस्तफा ने कहा कि इमाम 15 जनवरी 2020 तक दिल्ली में था और 02 से 15 जनवरी, 2020 के बीच किसी भी साजिश की बैठक का हिस्सा होने का कोई आरोप नहीं है।
वकील की दलील, वाट्सएप चैट में हिंसा भड़काने जैसा कुछ नहीं
मुस्तफा ने कहा कि इमाम पर कुछ पर्चे तैयार करने, कुछ भाषण देने और शाहीन बाग विरोध स्थल का मुद्दा उठाने से जुड़े हैं और इन मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
मुस्तफा ने कहा कि वाॅट्सएप ग्रुप चैट में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे यह पता चले कि इमाम की ओर से दिल्ली या भारत के किसी अन्य हिस्से में हिंसा भड़काने की कोई मंशा थी।
मुस्तफा ने अभियोजन पक्ष के इस आरोप का भी विरोध किया कि इमाम उमर खालिद या आसिफ इकबाल तन्हा से जुड़ा हुआ था।
दया की अपील की, कहा- शरजील की मां बूढ़ी, वह अकेला कमाने वाला
मुस्तफा ने अदालत से मामले में दया दिखाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इमाम परिवार में कमाने वाला अकेला सदस्य है और उसकी केवल बूढ़ी मां है। इमाम के तर्काें को सुनने के बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 21 मई तय की है।
इस मामले में इमाम के अलावा उमर खालिद, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, शादाब अहमद, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा ने जमानत याचिकाएं दायर की हैं।
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