Delhi Riots: ट्रायल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हाई कोई पहुंचीं देवांगना कलिता की याचिका पर फैसला सुरक्षित
दिल्ली दंगों के एक मामले में केस डायरी को संरक्षित करने के निर्देश की मांग को लेकर देवांगना कलिता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कलिता ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी जिसमें उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि केस डायरी पहले से ही सुरक्षित है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के एक मामले से संबंधित केस डायरी को संरक्षित करने का निर्देश देने की मांग को लेकर पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलिता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
कलिता ने अपने अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार करने के छह नवंबर 2024 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति रविंद्र डुडेजा की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अदालत अपना निर्णय सुनाएगी।
कलिता ने जाफराबाद पुलिस थाने में हुई प्राथमिकी की जांच के संबंध में बनाई गई बुकलेट को फिर से बनाने और संरक्षित करने का निर्देश देने की मांग की थी।
मामले पर सुनवाई के दौरान कलिता की तरफ से पेश हुए वकील अदित पुजारी ने तर्क दिया कि बहस के चरण में यह देखा गया कि पुलिस डायरी में दर्ज किए गए 161 बयानों में तारीख नहीं थी। मजिस्ट्रेट को बताया गया था कि बाद के बयान पहले के पृष्ठों पर दर्ज किए गए हैं।
वहीं, दूसरी तरफ याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि पूरी केस डायरी पहले से ही सुरक्षित है और इस मामले में पूरी पुलिस फाइल मजिस्ट्रेट के पास है।
यह भी कहा कि जिन तथ्यों को संरक्षित करने की वह मांग कर रहे हैं, वे पहले से ही वर्तमान मामले में केस डायरी का हिस्सा हैं। इसे पहले ही संरक्षित किया जा चुका है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि मूल रूप से इसे संरक्षित किया गया है, जो कुछ भी बाहर है, उसे पेश करने का वह हकदार नहीं है।
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