Delhi Riots: हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में आरोपित को मिली जमानत, दंगाइयों ने मारी थी गोली
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आरोपित शाहिद उर्फ शहबाज को राहत देते हुए 10-10 हजार रुपये के जमानती और निजी मुचलके और जमानती मुचलके के साथ इतनी ही राशि का जमानतदार पेश करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे में हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक आरोपित को जमानत प्रदान कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आरोपित शाहिद उर्फ शहबाज को राहत देते हुए 10-10 हजार रुपये के जमानती और निजी मुचलके और जमानती मुचलके के साथ इतनी ही राशि का जमानतदार पेश करने का निर्देश दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान दयालपुर थाना क्षेत्र में 24 फरवरी 2020 को पीर दरगाह के पास चांद बाग में दंगाई भीड़ ने पुलिस पर हमला किया था। इस घटना में गोली लगने से हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी, जबकि शाहदरा के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा व तत्कालीन एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार और हेड कांस्टेबल छेत्रपाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इनमें से छेत्रपाल की सर्विस रिवाल्वर भी छीन ली गई थी। अभियोजन के अनुसार, इस मामले में आरोपित शाहिद की गिरफ्तारी स्पेशल सेल ने की थी और उसके पास से हेड कांस्टेबल से छीनी गई सर्विस रिवाल्वर बरामद हुई थी। इसी आधार पर उस पर हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य आरोप लगाए गए थे। आरोपित शाहिद की ओर से दायर जमानत अर्जी में आरोपों को झूठा करार दिया गया था। जबकि अभियोजन ने उसकी अर्जी का विरोध किया।
कोर्ट ने पाया कि अभियोजन एक गवाह के बयान पर भरोसा कर रहा है, जिसने इस आरोपित को दंगाई भीड़ में शामिल सदस्य के रूप में पहचाना था। लेकिन, इस मामले में हेड कांस्टेबल छेत्रपाल के जरिये उसकी पहचान परेड नहीं कराई गई। कोर्ट ने कहा कि रिवाल्वर बरामदगी के आधार पर अभियोजन ने मान लिया कि उसने ही उसे हेड कांस्टेबल से छीना होगा, जबकि यह आगे की कार्यवाही का मुद्दा है।
यह कहते हुए कोर्ट ने आरोपित को जमानत दे दी। इस मामले में अब तक 25 आरोपित गिरफ्तार हुए हैं, जिसमें से 17 जमानत पर हैं। इस मामले में तीन आरोपित सुलेमान सिद्दीकी, अयाज खान और खालिद को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।