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    'छत भी छीन ली.. क्या मर जाऊं?', रैट माइनर वकील हसन का छलका दर्द, DDA ने बुलडोजर से तोड़ दिया था घर

    Updated: Thu, 29 Feb 2024 11:50 AM (IST)

    उत्तरखंड के टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालकर पूरे देश में रैट माइनर्स चर्चाओं में आए थे। तब पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनके काम को सराहा जा रहा था। उनमें एक नाम वकील हसन बहुत चर्चाओं में रहे थे। वही वकील हसन 28 फरवरी से एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि डीडीए ने उनका घर का गिरा दिया है।

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    न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते वकील हसन। एएनआई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालकर सिर्फ चार महीने पहले ही पूरे देश में रैट माइनर्स चर्चाओं में आए थे। तब पूरा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनके काम को सराहा जा रहा था।

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    उनमें एक नाम वकील हसन बहुत चर्चाओं में रहे थे। वही वकील हसन 28 फरवरी से एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं। वजह है डीडीए के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत उनके घर का गिराया जाना।

    बुधवार को डीडीए ने वकील हसन के घर को बुलडोजर से गिरा दिया। गरीबी, कर्ज और जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे वकील हसन अब समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर अब वह कहां जाएंगे।

    एक ही तो घर था, वो भी डीडीए ने धराशायी कर दिया। इस मामले में जब न्यूज एजेंसी एएनआई ने वकील हसन से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा। 

    क्या-क्या बोले हसन

    वकील हसन ने कहा, मुझे बहुत बुरा लग रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। हमने इतना अच्छा काम किया (41 मजदूरों को बचाने का काम) और बदले में मेरा ही घर गिरा दिया गया। अब मैं अपने बच्चों को लेकर कहां जाऊंगा? अब मेरे पास फांसी लगाकर मरने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।

    वकील हसन ने आगे कहा, मेरा घर गिराने आए लोगों से जब मैंने पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और कोई पेपर भी नहीं दिखाया। हमें पुलिस स्टेशन भेज दिया गया। मेरे बच्चों को और मेरी पत्नी को भी थाने में ही रखा गया। मेरे बेटे को मारा भी गया जिससे वह घायल हो गया है।

    सरकार के बारे में क्या बोले हसन

    वकील हसन आगे बोले, पूरी दुनिया हमारी तारीफ कर रही है। उत्तराखंड सरकार ने हमें 50 हजार रुपये दिए लेकिन आज के समय में यह कुछ नहीं होता। हमारे ऊपर बहुत कर्ज है और हमें हमारे बच्चों का भी भरण-पोषण करना है।

    जब हसन से सरकारी हस्तक्षेप के बारे में पूछा गया तो वह बोले, सरकार ने अब तक हमसे कोई संपर्क नहीं किया है। हो सकता है कि मीडिया से जानकारी मिले तो वह हमसे संपर्क करें।