Delhi News: जानिए वन क्षेत्र के मामले में किस नंबर पर है राजधानी दिल्ली?
Delhi Economic Survey News आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार सात प्रमुख बड़े शहरों में दिल्ली का वन क्षेत्र सबसे अधिक 194.24 वर्ग किलोमीटर है। वहीं इसके बाद मुंबई 110.77 वर्ग किलोमीटर और बंगलुरु का 89.02 वर्ग किलोमीटर है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वर्ष 1997 के बाद राजधानी के वन और वृक्ष कवर क्षेत्र में निरंतर वृद्धि हो रही है। 2021 में वन और वृक्षों से घिरे क्षेत्र का दायरा बढ़कर 342 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इससे कुल भौगोलिक क्षेत्र में वनों का हिस्सा बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार सात प्रमुख बड़े शहरों में दिल्ली का वन क्षेत्र सबसे अधिक 194.24 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद मुंबई 110.77 वर्ग किलोमीटर और बंगलुरु का 89.02 वर्ग किलोमीटर है। इसी तरह राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में दिल्ली का वृक्ष क्षेत्र चंडीगढ़ (13.16 प्रतिशत) के बाद 9.91 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।
दिल्ली का फसली क्षेत्र बढ़कर 47,850 हेक्टेयर हुआ
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली में सकल फसल क्षेत्र 2021-22 में बढ़कर 47,850 हेक्टेयर हो गया, जो 2020-21 में 43,569 हेक्टेयर था। 2012-13 में यह 35,178 हेक्टेयर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के शेष क्षेत्रों का उपयोग गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है या वन, परती और गैर-कृषि योग्य भूमि हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली के सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में कृषि का हिस्सा 2011-12 की तुलना में 2021-22 में कम हो गया है।
एसटीपी से 48 प्रतिशत नमूने अपशिष्ट जल मानकों पर खरे नहीं उतरे
वित्त वर्ष 2021-22 (दिसंबर तक) में सीवेज शोधन संयंत्रों से एकत्रित किए गए करीब आधे नमूने अपशिष्ट जल के लिए निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरे। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर तक एसटीपी की निगरानी के लिए एकत्र किए गए 438 नमूनों में से 52 प्रतिशत निर्धारित मानकों पर खरे उतरे। इस अवधि में कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी) से परीक्षण किए गए 206 नमूनों में से 156 के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले, लगभग 63 प्रतिशत मानदंडों को पूरा नहीं करते थे।
आंकड़ों से पता चलता है कि प्रदूषण नियंत्रण कानूनों के उल्लंघन के लिए अधिकारियों ने दिसंबर, 2021 तक 6,460 उद्योगों का निरीक्षण किया। दिसंबर 2021 तक डिफाल्टर 1,778 इकाइयों में से 75 प्रतिशत को बंद कर दिया गया था। प्रदूषण रोधी मानदंडों के उल्लंघन के लिए ग्रीन दिल्ली एप पर दर्ज हुईं 14,980 शिकायतों में से 93 प्रतिशत को दिसंबर के अंत तक हल कर दिया गया था।
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