Delhi Coaching Incident: आधे घंटे की बारिश से लापरवाह सिस्टम में डूबीं तीन जिंदगियां, जलभराव से अनजान थे अभ्यर्थी
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बाहर सड़क पर तीन फीट से ज्यादा पानी जमा हो गया था। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के अंदर लाइब्रेरी में बैठ छात्र-छात्राएं इस बात से अंजान थे। घटना के वक्त करीब 35 अभ्यर्थी लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। सड़क पर जलभराव की सूचना पर बिजली विभाग ने इलाके की बिजली काट दी थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शनिवार को शाम छह बजे के करीब राजेन्द्र नगर और आसपास के क्षेत्र में 58 एमएम बारिश होने के कारण जब सड़क पर तीन फीट से ज्यादा पानी जमा हो गया था, तब कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल वाले सतपाल भाटिया मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया।
बारिश शुरू होने से पहले करीब 30-35 छात्र-छात्राएं कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पुस्तकालय में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। वे इस बात से अनजान थे कि कोचिंग सेंटर के बाहर सड़क पर तीन फीट से ज्यादा पानी जमा हो गया है। सड़क से कोचिंग सेंटर का प्रेवश द्वार महज कुछ इंच ही ऊंचा है।
इससे सड़क पर जलभराव होने पर पानी कोचिंग सेंटर में घुसने से रोकने के लिए भूतल पर करीब छह-छह फीट के शीशे के चार दरवाजे लगे हैं। भूतल पर पीछे की तरफ से बेसमेंट में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं।
तेज गति से गुजरा थार चालक
शाम करीब साढे छह बजे तक कोचिंग सेंटर में लगे दरवाजों के चलते पानी बेसमेंट में प्रवेश नहीं कर पाया था। उसी दौरान यहां से गुजर रहे एक थार चालक ने सड़क पर पानी का जमाव देखकर गाड़ी की गति बहुत तेज कर दी।
बीच सड़क पर फंस गया था रेहड़ी वाला
कोचिंग सेंटर के सामने बीच सड़क पर उस समय एक रेहड़ी वाला फंसा हुआ था। तेज रफ्तार में थार को आते देख रेहड़ी वाले ने चालक से गति धीमी करने का इशारा किया, लेकिन चालक ने तेज रफ्तार में थार आगे बढ़ा दी, इससे सड़क पर जमा पानी का बहाव और तेज हो गया।
जब बायोमेट्रिक से लैस शीशे का दरवाजा टूटा
इससे कोचिंग सेंटर का शीशे का एक दरवाजा टूट गया। इससे बाहर सड़क पर करीब 200 फीट के हिस्से में लगभग तीन फीट ऊंचाई में जमा पानी को भूतल के रास्ते बेसमेंट में जाने का रास्ता मिल गया। दो से तीन मिनट के अंदर बेसमेंट में तेज रफ्तार से एकाएक अधिक मात्रा में पानी भर गया। इसके प्रवाह से पुस्तकालय में प्रवेश के लिए सीढियों पर बने बायोमेट्रिक से लैस शीशे का दरवाजा भी टूट गया।
यह देख घबराए पुस्ताकलय में मौजूद विद्यार्थी भागने का प्रयास करने लगे। इसी क्रम में कुछ छात्र बाहर निकलने में सफल हुए और उनके शोर करने पर आसपास और ईमारत में मौजूद लोगों ने बचाने का काम शुरू किया। इस दौरान वहां उपलब्ध रस्सी, पाइप से फंसे विद्यार्थियों को बचाने की कोशिशि की गई।
कट गई थी बिजली
इसी बीच सड़क पर जलभराव की सूचना पर बिजली विभाग ने इलाके की बिजली काट दी थी। इससे बसमेंट में अंधेरा हो गया। इस दौरान अन्य विद्यार्थियों को निकाल लिया गया, लेकिन तान्या सोनी, नेविन डाल्विन व श्रेया यादव पानी के तेज बहाव के कारण बेसमेंट में ही फंसे रह गए।
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स्थिति गंभीर होते देखे किसी विद्यार्थी ने करीब सात बजे पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस करीब सवा सात बजे घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति को देखकर क्षेत्रिय मजिस्ट्रेट को इस बारे में बताया। उन्होंने अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग को सूचना दी। इसके बाद अग्निशमन की पांच गाड़ियां मौके पर थोड़ी देर में पहुंचीं।
मौके पर एनडीआरएफ को बुलाया गया
यहां तीन विद्यार्थियों के लापता होने की आशंका जाहिर किए जाने पर एनडीआरएफ को भी बुला लिया गया। इसी दौरान जलभराव के कारण भूतल और सड़क पर जमा पानी का स्तर एक बराबर हो गया था। ऐसे में राहत व बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों को यह समझना मुश्किल होने लगा था कि पानी भूतल व बेसमेंट से कैसे निकाला जाए।
इसी क्रम में पंप के जरिये पहले सड़क से पानी को सतपाल भाटिया मार्ग से पूसा रोड पर निकालने का काम शुरू किया गया। तब तक सीवर के जरिये भी पानी निकलना शुरू हो गया था। ये करते करीब रात के 9:30 बज गए। उसके बाद एनडीआरएफ और फायर कर्मी ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट से पानी निकालने का काम शुरू किया। फिर एक के बाद एक रात एक बजे तक तीन विद्यार्थियों के शव मिले।
रविवार सुबह 7:30 तक चला पानी निकालने का काम
बेसमेंट से पाने निकालने का काम रविवार सुबह 7:30 तक चला। इसके बाद बेसमेंट के पूरे एरिया को सर्च किया गया। पुलिस का कहना है कि अत्यधिक वर्षा होने पर कोचिंग सेंटर के बाहर हमेशा जलभराव होता रहा है। बेसमेंट में पानी कई बार घुस चुका है। लेकिन, इस बार थार के कारण पानी के दबाव से कोचिंग सेंटर के भूतल पर लगा एक दरवाजा टूट जाने से ही यह हादसा हुआ।
राव कोचिंग सेंटर के संचालक को भी यह पता था कि उसके बेसमेंट में जलभराव होता है। इसलिए उसने बेसमेंट में एक मोटर पंप भी लगाया हुआ था, ताकि जलभराव होने पर पानी सड़क पर निकाला जा सके। इसके लिए बकायदा बेसमेंट से बाहर सड़क पर अलग से पाइप भी लगाई गई थी।
क्या है जलभराव की वजह?
ओल्ड राजेंद्र नगर निचला इलाका है। इसके मुख्य सतपाल भाटिया मार्ग के नीचे करीब 20 फूट गहरा नाला है। इसमें वर्षा जल निकासी के लिए सड़क पर थोड़ी थोड़ी दूरी पर जालियां लगी हुई हैं। लेकिन, ये जालियां पटरी पर दुकान सजने से कहीं अतिक्रमण की शिकार हैं तो कहीं कूड़ा व पालीथिन से जाम हो गई हैं।
इस क्षेत्र में स्थित शंकर रोड, न्यू राजेंद्र नगर समेत पूरे ओल्ड राजेंद्र नगर का वर्षा का पानी जाता है। वर्षा होने और लो लाइन एरिया होने से पानी का दबाव सबसे ज्यादा इसी सतपाल भाटिया मार्ग पर होता है। ऐसे में नाले चोक होने से सड़क पर जलभराव होने लगता है। यह नाला अतिक्रमण व एमसीडी कर्मियों की लापरवाही के कारण पूरी तरह साफ ही नहीं किया गया था। नतीजतन जलभराव हुआ था।