Delhi Railway Station: यात्रियों को कैसे मिलेगी सुरक्षा? होली तक रेलवे ने किया ये बड़ा बदलाव
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिछले महीने हुई भगदड़ के बाद रेलवे प्रशासन ने यात्री सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। होली के मौके पर स्टेशन पर भारी भीड़ को देखते हुए यात्रियों को रेलवे फुट ओवर ब्रिज (आरएफओबी) और सीढ़ियों पर रुकने या बैठने नहीं दिया जा रहा है। ट्रेन के आने तक प्लेटफॉर्म के किनारों से 10 फीट दूर रस्सी बांधकर यात्रियों को रोका जा रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पिछले माह भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत के बाद रेलवे प्रशासन ने नई दिल्ली स्टेशन पर यात्री सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए थे। मंगलवार को सभी स्टेशनों पर इनका नजारा देखने को मिला। होली को लेकर स्टेशन पर इस समय भारी भीड़ उमड़ रही है।
होली तक किया गया ये बदलाव
इसे देखते हुए यात्रियों को रेलवे फुट ओवर ब्रिज (आरएफओबी) व सीढ़ियों पर न तो रुकने दिया जा रहा है और न ही बैठने दिया जा रहा है। जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर नहीं आती है, तब तक प्लेटफार्म के किनारों से 10 फीट दूर रस्सी बांधकर यात्रियों को रोका जा रहा है।
ट्रेन के रुकने के बाद ही यात्रियों को ट्रेन से बाहर जाने दिया जा रहा है। हालांकि, यात्रियों की अधीरता कभी-कभी विषम परिस्थितियां पैदा कर रही थी। कहीं-कहीं सुरक्षा व्यवस्था यात्रियों के लिए परेशानी का सबब भी बन रही थी।
सुरक्षा घेरे में घंटों फंसे रहे यात्री
होली पर स्पेशल ट्रेन से यूपी-बिहार जाने वाले अनारक्षित श्रेणी के सैकड़ों यात्री मंगलवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे में घंटों फंसे रहे। भूखे-प्यासे यात्रियों ने आरोप लगाया कि इसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ट्रेन के आगमन और प्रस्थान के समय प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ से बचने के लिए आरपीएफ ने प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर अनारक्षित टिकट धारकों के लिए यह विशेष व्यवस्था की है। इसके बावजूद होली पर यात्रियों की भारी भीड़ अभी से सुरक्षाकर्मियों के पसीने छुड़ा रही है।
मंगलवार शाम को जैसे ही डिब्रूगढ़ जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर पहुंची, यात्री सुरक्षा घेरा तोड़कर इस तरह उसकी ओर दौड़े कि उन्हें नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ स्टाफ और इसके लिए तैनात स्वयंसेवकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
दिल्ली पुलिस और आरएएफ की जगह आरपीएफ नजर आई
भगदड़ के समय प्रयागराज कुंभ में ड्यूटी के कारण रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने व्यवस्था संभाल रखी थी। होली पर महाकुंभ से लौटी आरपीएफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही थी। मंगलवार को स्टेशन के अंदर और बाहर दिल्ली पुलिस और आरएएफ नजर नहीं आई।
होली तक प्लेटफॉर्म टिकट पर प्रतिबंध
रेलवे प्रशासन ने होली तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट पर रोक लगा दी है। टिकट खिड़की से प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद कर दी गई है, ऑनलाइन टिकट भी स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। केवल आरक्षित और अनारक्षित टिकट धारकों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है।
बिना अनुमति के मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध
महाकुंभ मेले के दौरान प्लेटफार्म पर मची भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत से घबराए रेलवे प्रशासन ने होली के अवसर पर रेलवे स्टेशन परिसर को छोड़कर कहीं भी प्लेटफार्म पर जाने और फोटो खींचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें प्लेटफार्म के प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जा रहा है।
अनारक्षित टिकटों के लिए बनाया गया अस्थायी टिकट घर
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ से चिंतित रेलवे प्रशासन ने होली के मौके पर स्टेशन भवन में अनारक्षित टिकट बिक्री खिड़कियां अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। इनकी जगह स्टेशन परिसर में टेंट में अस्थायी रूप से 16 अनारक्षित टिकट बिक्री केंद्र बनाए गए हैं। इसके साथ ही यहां 11 टिकट वेंडिंग मशीनें भी लगाई गई हैं।
अंदर और बाहर सुरक्षा जांच से यात्रियों को परेशानी
भगदड़ के बाद नई दिल्ली रेल प्रशासन द्वारा यात्री सुरक्षा के लिए किए गए इंतजाम कहीं न कहीं यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। रेल प्रशासन ने यात्रियों के लिए स्टेशन परिसर से प्लेटफॉर्म पर आने से पहले टिकट चेक कराने के लिए एक लाइन में खड़े होने की व्यवस्था की है।
अनारक्षित टिकट धारकों के लिए अलग व्यवस्था
लाइन में खड़े होकर टिकट चेक कराने के बाद ही यात्रियों को स्टेशन भवन में प्रवेश करने दिया जाता है। इसके लिए आरक्षित और अनारक्षित टिकट धारकों के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। इसके बाद उन्हें अपने सामान की जांच कराने के लिए अलग लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
इन दोनों जांचों में 40 से 50 मिनट का समय
इन दोनों जांचों में 40 से 50 मिनट का समय लगता है। प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के बाद उन्हें पैसेंजर होल्डिंग एरिया में खड़ा कर दिया जाता है। यहां से उन्हें ट्रेन आने पर ही आगे जाने दिया जाता है। इसके चलते जब ट्रेन आती है तो अचानक यात्रियों की भारी भीड़ कोच में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की करने लगती है।
यह स्थिति कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। मंगलवार को जब डिब्रूगढ़ राजधानी प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर पहुंची तो देखा गया कि ट्रेन में सभी यात्री आरक्षित टिकट धारक थे। सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन ट्रेनों की क्या स्थिति होगी जिनमें आरक्षित व अनारक्षित दोनों टिकटधारक यात्रा करते हैं।
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