Delhi Pragati Maidan: दुनिया की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी में दिखती है पंजाब से लेकर उत्तराखंड तक की झलक
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एल सी गोयल ने बताया दुनिया में सबसे बड़े आउटडोर वर्क का गिनीज रिकार्ड दक्षिण कोरिया के इंचियान के नाम है। वहां 23688 वर्ग मीटर एरिया में पेंटिंग बनी है प्रगति मैदान में करीब 98000 वर्गमीटर में आर्ट वर्क है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रगति मैदान के नीचे बनी सुरंग सड़क एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बानगी भी पेश करती है। ऐसा लगता है कि यहां हाथों से देश की संस्कृति की कहानी रच दी गई है। शिमला यूनिवर्सिटी में आर्ट के प्रोफेसर हिम चटर्जी के निर्देशन में देशभर के युवाओं ने सुरंग की दीवारों पर पंजाब की लोहड़ी, केरल का ओणम, सावन के झूले, बरसाने की लट्ठमार होली, उत्तराखंड का लोक नृत्य, कल्पवृक्ष पूजा, महात्मा बुद्ध, मंदिर, मस्जिद में नमाज इत्यादि सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का बहुत ही मोहक चित्रण किया है।
प्रगति मैदान के नीचे बनी सुरंग सड़क दुनिया की सबसे बड़ी आउटडोर म्यूरल आर्ट भी होगी। इस आर्ट को वाल पेंटिंग या दीवार पर बनी पेंटिंग के रूप में समझ सकते हैं। इसमें पेंटिंग दीवार या सीलिंग का अभिन्न हिस्सा होती है। ये सुरंग सड़क एक कल्चरल म्यूजियम सरीखा एहसास भी कराती है।
98000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई पेंटिंग
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एल सी गोयल ने बताया, 'दुनिया में सबसे बड़े आउटडोर पब्लिक आर्ट वर्क का गिनीज रिकार्ड दक्षिण कोरिया के इंचियान के नाम है। वहां 23688 वर्ग मीटर एरिया में पेंटिंग बनी है, जबकि प्रगति मैदान में करीब 98000 वर्गमीटर में आर्ट वर्क है। इसलिए यह पेंटिंग निश्चित तौर पर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में स्थान बनाएगी। इस दिशा में सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
स्टील की चादर के ऊपर पाउडर कलर कोटिंग
सुरंग में बना म्यूलर आर्ट भी बहुत अनोखा है। मुख्य सुरंग की दीवारों पर सबसे पहले तीन मिलीमीटर मोटी माइल्ड स्टील की चादर लगाई गई है। उसके ऊपर पाउडर कलर कोटिंग के जरिये पेंटिंग की गई है। इसमें सात हजार वर्ग मीटर में स्टील वर्क है। यह ऐसी सुरंग है, जो हर 250 मीटर बाद अपना रंग बदलेगी। इसमें 87 पोल पर मंडाला स्टाइल में पेंट किया है। इसमें इंद्रधनुष के रंग हैं।
भारत के छह मौसमों की कहेगी कहानी
गोयल के मुताबिक, सुरंग को छह हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्सा सीजन के हिसाब से सूरज और चांद के महत्व को बताता है। आर्ट वर्क का थीम है- भारत के छह मौसमों में जिंदगी। यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का है। सुरंग में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के सभी त्योहारों की भी झलक मिलती है। आर्टवर्क में कहीं भी कोई ब्रेक नहीं है। मुख्य सुरंग, रैंप एरिया और सुरंग की अन्य शाखाओं और इंटिग्रेटेड ट्रांजिट कारिडोर के अंडरपास को मिलाकर इसकी (म्यूरल आर्ट) लंबाई करीब तीन किलोमीटर होगी।
बार कोड और आडियो से मिलेगी आर्ट वर्क की जानकारी देशवासियों के साथ-साथ विदेशियों को भी यह आर्ट वर्क समझने में परेशानी न हो, इसके लिए जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। हर सेगमेंट के बारे में एक बार कोड, आडियो सिस्टम या किसी अन्य माध्यम से बताया जाएगा कि उसमें क्या दर्शाया गया है और उसका क्या महत्व है।
कौन हैं प्रोफेसर हिम चटर्जी
प्रोफेसर हिम चटर्जी एक बेहतरीन चित्रकार हैं। हिमाचल प्रदेश विश्र्वविद्यालय से कुछ दूरी पर स्थित हयूण गांव में उन्होंने अपने घर पर आर्ट गैलरी भी बनाई है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। कई शोधार्थी उनके अधीन पीएचडी भी कर चुके हैं।
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