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    Delhi Pollution: लोगों का दम घोंट रहा प्रदूषण, जानिए दिल्ली की हवा को कौन कर रहा सबसे ज्यादा प्रदूषित

    पराली का धुआं अभी भी दिल्ली वासियों का दम घोंट रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुसार सोमवार को दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही। वाहनों के धुएं की हिस्सेदारी 17 जबकि अन्य कारकों की 15 प्रतिशत दर्ज की गई। मंगलवार को भी पराली के धुएं की हिस्सेदारी लगभग ऐसी ही रहने का अनुमान है।

    By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 07 Nov 2023 12:04 AM (IST)
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    लोगों का दम घोंट रहा प्रदूषण, जानिए दिल्ली की हवा को कौन कर रहा सबसे ज्यादा प्रदूषित

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पराली का धुआं अभी भी दिल्ली वासियों का दम घोंट रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही। वाहनों के धुएं की हिस्सेदारी 17 जबकि अन्य कारकों की 15 प्रतिशत दर्ज की गई। है। मंगलवार को भी पराली के धुएं की हिस्सेदारी लगभग ऐसी ही रहने का अनुमान है।

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    दिल्ली में इन इलाकों की हवा सबसे खराब

    बवाना- 471

    वजीरपुर- 464

    रोहिणी- 462

    जहांगीरपुरी- 464

    पटपड़गंज- 461

    पांच सौ के ऊपर एक्यूआई की नहीं होती गणना

    देश में आठ मानकों के आधार पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तैयार किया जाता है। इनमें पीएम 10, पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, लैड, अमोनिया, ओजोन और सल्फर डाइ ऑक्साइड शामिल हैं। इसी आधार पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) 500 तक एक्यूआई की गणना करता है। पांच सौ से ऊपर की गणना सीपीसीबी द्वारा नहीं की जाती है।

    सीएसई के वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ विवेक चट्टोपाध्याय बताते हैं कि 451 से 500 तक का एक्यूआई ''गंभीर प्लस'' श्रेणी में आता है। प्रदूषण के इस स्तर को सबसे बदतर माना जाता है। इसी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी कदम उठाए जाते हैं।

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    एक्यूआई में आंशिक सुधार, लेकिन हवा की 'गंभीर' श्रेणी बरकरार

    राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को लगातार पांचवें दिन वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में बनी रही। रविवार की तुलना में इसमें आंशिक सुधार जरूर हुआ, लेकिन श्रेणी नहीं बदली। उधर, स्थिति की भयावहता को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में मुख्य रूप से दो बड़े निर्णय लिए गए। पहला, 13 से 20 नवंबर तक दिल्ली में ऑड-ईवन व्यवस्था रहेगी। दूसरे, 10वीं और 12 वीं कक्षा को छोड़ अन्य कक्षाओं के लिए सभी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे।

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