Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में सताने लगा प्रदूषण का डर, कृषि विज्ञान ने किया चौंकाने वाला खुलासा
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का खतरा फिर से बढ़ रहा है। पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है जिससे हवा की गुणवत्ता खराब होने की आशंका है। उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवा के कारण धुआं एनसीआर में फैल सकता है। मानसून के लौटने से प्रदूषण बढ़ने की आशंका है जिससे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को जल्द लागू करने की आवश्यकता हो सकती है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निवासी भले ही स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हों, लेकिन यह राहत जल्द ही महज़ एक संयोग साबित होगी। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद, पराली जलाने की घटनाएं एक बार फिर शुरू हो गई हैं। एक हफ़्ते के भीतर, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ऐसी 63 घटनाएं सामने आई हैं।
चिंताजनक बात यह है कि हवा की दिशा पहले ही उत्तर-पश्चिम दिशा में बदल चुकी है। नतीजतन, पराली का धुआं जल्द ही एनसीआर के निवासियों का दम घोंटने लगेगा।
जैसे-जैसे मानसून नज़दीक आ रहा है, एनसीआर में श्वसन संबंधी आपात स्थिति भी आ रही है। वायु गुणवत्ता, जो लंबे समय से "संतोषजनक" या "मध्यम" श्रेणी में रही है, "खराब" श्रेणी में पहुंचने वाली है। नतीजतन, 1 अक्टूबर की निर्धारित तिथि से पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करना जरूरी हो सकता है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तर भारत से दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान की शुरुआत के साथ ही हवा की दिशा भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बदल गई है। यह हवा जम्मू-कश्मीर के हिमालय पर्वतों से आती है। यह हवा न केवल पहाड़ों की ठंडक लाती है, बल्कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का धुआं भी लाती है।
इसके अलावा, राजस्थान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली धूल के साथ उत्तर-पश्चिमी हवा भी एनसीआर तक पहुंचती है।
पर्यावरणविदों के अनुसार, हवा की दिशा बदल गई है। मानसून दिल्ली से विदा होने वाला है। नतीजतन, प्रदूषण धीरे-धीरे बढ़ेगा। वर्तमान में, दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से ऊपर, "मध्यम" श्रेणी में है। महीने के आखिरी हफ़्ते तक, यह 200 को पार कर "खराब" श्रेणी में पहुँच सकता है।
15 से 21 सितंबर के बीच प्रत्येक राज्य में कितनी पराली जलाई गई?
राज्य | पराली जलाने की घटनाएं |
---|---|
पंजाब | 56 |
हरियाणा | 03 |
उत्तर प्रदेश | 04 |
भविष्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं। पंजाब में पराली जलाना ज़्यादा आम है क्योंकि वहां के किसान धान और गेहूं के बीच आलू और मटर की खेती करना चाहते हैं।
-डॉ. विनय सहगल, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा
रविवार को एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक और रैंक
शहर | वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) | रैंक |
---|---|---|
दिल्ली | 127 | मध्यम |
गाजियाबाद | 150 | मध्यम |
ग्रेटर नोएडा | 185 | मध्यम |
गुरुग्राम | 64 | संतोषजनक |
नोएडा | 128 | मध्यम |
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।