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Delhi Pollution 2022: कोविड-19 से पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत घटा दिल्ली में वायु प्रदूषण

Delhi Pollution 2022 सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सर्दियों में दिल्ली की हवा साफ हुई। इसके अलावा गाजियाबाद में सर्वाधिक 30 प्रतिशत जबकि गुरुग्राम में सबसे कम 11 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया है।

By sanjeev GuptaEdited By: JP YadavPublished: Fri, 21 Oct 2022 11:03 AM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2022 11:03 AM (IST)
Delhi Pollution 2022: कोविड-19 से पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत घटा दिल्ली में वायु प्रदूषण
दिल्ली में तुलनात्मक रूप से सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण घटा है। फाइल फोटो

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में सर्दियों के दौरान औसत पीएम 2.5 प्रदूषण कोविड-19 से पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत घट गया है। यह दावा सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) द्वारा ताजा जारी नई रिपोर्ट में किया गया है। आकलन के दौरान दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक जनवरी 2015 से लगातार सर्दी के सात सीजन व सर्दी पूर्व के रुझानों को शामिल किया गया है। यह रिपोर्ट इस क्षेत्र के सक्रिय 81 वायु गणवत्ता निगरानी स्टेशन से उपलब्ध रियल टाइम डाटा पर आधारित है।

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जानकारी के मुताबिक महामारी से पहले सर्दियों के दौरान पीएम 2.5 सांद्रता प्रति घन मीटर 180 से 190 माइक्रोग्राम तक बढ़ जाती थी, लेकिन इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम 2.5 सांद्रता अब घटकर प्रति घन मीटर 150 से 160 माइक्रोग्राम तक रह गई है।

वायु प्रदूषण में हुआ हल्का सुधार

सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद वायु प्रदूषण के रुझान को समझना है। कारण, सुधार के बावजूद इस मौसम का औसत अब भी 24 घंटों के मानक स्तर (60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) के मुकाबले 150 प्रतिशत अधिक है और यह करीब- करीब वार्षिक मानक स्तर (40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) का चार गुना है।

2020 के दौरान हुआ था सुधार

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महामारी से पहले चरम प्रदूषण (24 घंटों का सर्वाधिक खराब औसत) प्रति घन मीटर 800 माइक्रोग्राम के आंकड़े को पार कर जाया करता था, लेकिन पिछली तीन सर्दियों के दौरान यह स्तर प्रति घन मीटर 700 से 800 माइक्रोग्राम रहा।

इस बार सर्दियों के दौरान प्रदूषण कम था

सीएसई ने यह भी स्पष्ट किया कि चरम प्रदूषण का आंकड़ा असल स्तर को नहीं दर्शाता  क्योंकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने साल 2016-17 में प्रति घन मीटर 1000 माइक्रोग्राम की सीमा तय कर दी थी, जिससे चरम प्रदूषण स्तर का आकलन बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। शोधकर्ताओं ने कहा कि साल 2020-21 के मुकाबले वर्ष 2021-22 में एनसीआर के ज्यादातर शहरों में सर्दियों में प्रदूषण सबसे कम था।

दिल्ली में सर्वाधिक हुआ सुधार

रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद में यह सुधार 30 प्रतिशत हुआ है जो एनसीआर के सभी शहरों में सर्वाधिक है, लेकिन पीएम 2.5 स्तर अब भी 24 घंटों के मानक स्तर के मुकाबले करीब ढाई गुना है। ग्रेटर नोएडा (28 प्रतिशत), नोएडा (23 प्रतिशत) और फरीदाबाद (16 प्रतिशत) में भी सुधार दर्ज किया गया जो दिल्ली (12 प्रतिशत) से अधिक है। एनसीआर में सबसे खराब प्रदर्शन गुरुग्राम का रहा जहां प्रदूषण स्तर में केवल 11 फीसदी सुधार हुआ। 


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