CAA Delhi Protest: यूपी की तर्ज पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से हर्जाना वसूलेगी पुलिस
CAA Delhi Protest दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को उत्तर प्रदेश की तरह हर्जाना भरना पड़ेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में आगजनी, पथराव व तोड़फोड़ करने वालों की शामत आने वाली है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को उत्तर प्रदेश के दंगाइयों की तरह हर्जाना भरना पड़ेगा। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दंगे के मामले में सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन करने के लिए एक क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच जॉय टिर्की के मुताबिक आगामी 6 जनवरी को हाई कोर्ट खुलने के बाद क्लेम कमिश्नर नियुक्त कर दिए जाएंगे। क्लेम कमिश्नर तय करेंगे कि किन-किन जगहों पर हुए दंगे के मामले में किन-किन लोगों ने कितनी सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। किनसे कितना हर्जाना वसूला जाए। क्लेम कमिश्नर हाई कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद कोर्ट भी उस पर अपना अंतिम फैसला सुना सकता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए दिशा निर्देश का भी दिया हवाला
28 दिसंबर को रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा गया है। पत्र में हिंसा के एक मामले को लेकर 2007 में दायर याचिका पर 2009 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए दिशा निर्देश का हवाला भी दिया गया है। जिसमें कहा गया था कि दंगे के मामले में सरकारी संपत्तियों के नुकसान का आंकलन करने के लिए क्लेम कमिश्नर नियुक्त होना चाहिए। क्लेम कमिश्नर तय करेगा कि किन-किन लोगों ने कितनी सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।
इसके लिए एनडीएमसी, नगर निगम व पुलिस विभाग आदि सिविक एजेंसियों से पूछा जाएगा कि किसका कितना नुकसान हुआ है। उसके बाद जिम्मेदारी तय करने के बाद संबंधित उपद्रवियों को तय हर्जाने की रकम भरने के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। तय समय तक हर्जाना भरना होगा नहीं तो आगे की कार्यवाई की जाएगी।
क्राइम ब्रांच में एसआइटी का गठन
हिंसा के सभी मामले की जांच के लिए 28 दिसंबर को क्राइम ब्रांच में एसआइटी का गठन कर दिया गया है। जामिया नगर थाने में दो मामले, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी व दरियागंज थाने में दर्ज एक-एक मामला समेत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दर्ज 6 मामलों को क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया है। अब सभी दस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआइटी करेगी। करीब 50 पुलिसकर्मियों की टीम दंगा मामले की जांच करेगी। जिस-जिस जिले में हिंसा के मामले दर्ज किए क्राइम ब्रांच ने उक्त जिले से दो-दो इंस्पेक्टर देने की मांग की है। सभी जगहों से क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी व मोबाइल से बनाए एक वीडियो फुटेज जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।
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