दिल्ली में पकड़ी गई 5000 करोड़ की कोकेन, कैसे पकड़े गए तस्कर, कहां से आई खेप और क्या होता इस जहर का? यहां जानिए सबकुछ
Delhi Crime News दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। इस कार्टेल के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से 562 किलो कोकेन और 40 किलो थाईलैंड का गांजा जब्त किया गया है। यह गांजा हाइड्रोपोनिक तरीके से उगाया जाता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट के आधार पर चार कुख्यात ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार कर एक बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। इनके कब्जे से 562 किलो कोकेन और 40 किलो थाईलैंड का गांजा जब्त किया है। यह गांजा हाइड्रोपोनिक तरीके से उगाया जाता है।
हाइड्रोपोनिक खेती पद्धति में आवश्यक पोषक तत्वों को पानी में मिलाया जाता है, जिसमें पौधे बिना मिट्टी के उगते हैं। पुलिस ने हाल के वर्षों में कोकेन की यह सबसे बड़ी खेप होने का दावा किया है। बरामद ड्रग्स विदेश से लाई गई थी।
महिपालपुर स्थित सरगना के गोदाम से बरामद कोकेन और थाईलैंड का गांजा।
तस्करों से इस बात की जानकारी अभी सेल को नहीं मिल पाई है। संभावना जताई जा रही है कि यह खेप समुद्री मार्ग से लाई गई हो। बरामद ड्रग्स की कीमत पुलिस ने 5000 करोड़ से अधिक के होने का दावा किया है।
टीम में ये हैं शामिल
एडिशनल पुलिस कमिश्नर, स्पेशल सेल, प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक डीसीपी अमित कौशिक, एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट व इंस्पेक्टर राहुल कुमार के नेतृत्व में सेल की टीम ने अंतरराष्ट्रीय कार्टेल के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी ड्रग्स तस्करी में शामिल संगठित अपराध सिंडिकेट को नष्ट करने के प्रयासों में एक बड़ी सफलता है।
तीन महीने से चल रहा था ऑपरेशन
इस ऑपरेशन के लिए सेल करीब तीन महीने से जुटी हुई थी, तब जाकर मंगलवार रात को सफलता मिली। गिरफ्तार आरोपियों में तुषार गोयल, वसंत एन्क्लेव, दिल्ली का रहने वाला है। इसे इस कार्टेल का सरगना बताया जा रहा है। अन्य आरोपितों में हिमांशु कुमार, हिंद विहार, प्रेम नगर, किरारी का रहने वाला है।
बाकी के आरोपी
औरंगजेब सिद्दीकी, छोटी रार, देवरिया, यूपी का रहने वाला है लेकिन कई सालों से वसंत गांव, दिल्ली में रह रहा था। चौथा आरोपी भरत कुमार जैन, पश्चिम मुंबई का रहने वाला है। चारों के पास से चार मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं भी जब्त की गई है।
अगस्त में एजेंसियों को मिली जानकारी
स्पेशल सेल ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अपने निरंतर अभियान में कई तस्करों को गिरफ्तार कर बड़ी से बडी खेप बरामद कर चुकी है। अगस्त के पहले सप्ताह में केंद्रीय एजेंसी को दिल्ली में विदेशों से नारकोटिक्स पदार्थ कोकेन की तस्करी में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ कार्टेल के बारे में इनपुट प्राप्त हुआ था। इस जानकारी को विकसित करने में तीन माह का समय लग गया।
तुषार भारत में करता है ड्रग्स की सप्लाई
एक अक्टूबर को सेल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर महिपालपुर में तुषार गोयल के गोदाम पर छापा मार ड्रग्स की एक बड़ी खेप के साथ तुषार गोयल समेत चार को दबोच लिया। तुषार इस कार्टेल के लिए भारत में नार्को सब्सटेंस का मुख्य रिसीवर और वितरक है। हिमांशु और औरंगजेब सिद्दीकी तुषार गोयल के मुख्य सहयोगी हैं।
विदेश का है मुख्य सरगना
भरत कुमार जैन, तुषार गोयल से 15 किलो कोकेन की खेप लेने के लिए मुंबई से दिल्ली आया था। अब तक पहचाने गए इस कार्टेल का मुख्य सरगना मध्य पूर्व के एक देश का होने की जानकारी मिली है। बरामद कोकेन की कीमत पुलिस ने 10 करोड़ प्रति किलो और हाइड्रोपोनिक गांजा की कीमत 50 लाख प्रति किलो होने का दावा किया है।
क्यों मंगाई गई इतनी बड़ी खेफ
ड्रग्स 23 कार्टन और आठ बोरे के अंदर छिपाकर रखी गई थी। इस रैकेट को मिडिल ईस्ट का हैंडलर ऑपरेट कर रहा था। दिल्ली से यह ड्रग्स अलग-अलग शहरों से पहुंचाई जानी थी। इतनी बड़ी खेप किस वजह से मंगाई गई थी, क्या किसी बड़ी पार्टी या कॉन्सर्ट में इसका इस्तेमाल होना था इसकी सेल जांच कर रही है। फिलहाल नार्को टेरर एंगल सामने नहीं आया है।
कौन हैं तस्कर
- तुषार गोयल, 2003 में आईपी विश्वविद्यालय से स्नातक पास है। उसके पिता तुषार प्रकाशन और ट्यूलिप प्रकाशन नाम से दो प्रकाशन चलाते हैं। पढ़ाई के बाद उसने अपने पिता के प्रकाशन का व्यवसाय भी संभाला। 2008 में शादी के बाद उसने लाइजनिंग का काम शुरू कर दिया और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने लगा। इसी बीच वह दुबई में एक कार्टेल के सरगना के संपर्क में आया और उसके साथ तस्करी करना शुरू र दिया।
- हिमांशु कुमार 12वीं पास है। पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने जिम ज्वाइन कर लिया और रोजाना अलग-अलग लोगों के लिए बाउंसर और सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करना शुरू कर दिया। बाद में वह तुषार गोयल के संपर्क में आया और उसके लिए काम करना शुरू कर दिया।
- औरंगजेब सिद्दीकी देवरिया से 11वीं तक पढ़ाई करने के बाद नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गया था। यहां वह तुषार के ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। बाद में वह तुषार के कार्टेल में शामिल हो गया।
- भरत कुमार जैन ने मुंबई से पढ़ाई की और बाद में वहीं के एक ड्रग्स डीलर के संपर्क में आकर कार्टेल में शामिल हो गया।
देश में पकड़ी गईं अब तक सबसे बड़ी खेपें
- 2024: भारतीय मूल के एक जर्मन नागरिक को दिल्ली हवाई अड्डे पर पुलिन ने छह किलो कोकेन के साथ पकड़ा था। बरामद ड्रग्स की कीमत 100 करोड़ रुपये बताई गई थी
- 2024: डीआरआई ने कोच्चि हवाई अड्डे पर केन्याई नागरिक से 13 करोड़ रुपये की कोकेन जब्त की
- 2022: डीआरआई ने मुंद्रा के पास एक कंटेनर से 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 56 किलो कोकेन बरामद की।
- 2022: मुंबई के पास एक बंदरगाह पर फल ले जा रहे एक कंटेनर से 502 करोड़ रुपये मूल्य की 50 किलो कोकेन जब्त की गई।
- 2021: तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की 300 किलो कोकेन जब्त की गई