दिल्ली में यमुना किनारे क्यों आए थे मामा-भांजे? लो हो गया क्लियर, तेज बहाव आने पर डूबे
दिल्ली में जितिया व्रत के दौरान यमुना नदी में नहाने गए मामा-भांजे डूब गए। दिल्ली पुलिस ने मामा का शव बरामद कर लिया है जबकि भांजे की तलाश जारी है। स्वरूप नगर के रहने वाले हीरा भगत अपने भांजे आलोक को बचाने के प्रयास में डूबे। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव निकाला और भांजे की खोज जारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जितिया व्रत के दौरान पूजा-पाठ और नहाने के लिए यमुना नदी किनारे आए मामा-भांजे पानी में तेज बहाव के साथ डूब गए। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने दिल्ली बोट क्लब की टीम के सहयोग से मामा का शव यमुना नदी से बरामद कर लिया है, जबकि भांजे की तलाश जारी है। वजीराबाद थाना पुलिस ने मृतक की पहचान हीरा भगत के रूप में की है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भेज दिया है और भांजे की तलाश जारी है।
पुलिस के मुताबिक, हीरा भगत अपने परिवार के साथ स्वरूप नगर इलाके में रहते थे। उनकी बहन भी अपने पति अशोक भगत के साथ इलाके में ही रहती है। कालोनी के कुछ लोगों का ग्रुप तिजिया व्रत, पूजा पाठ और नहाने के लिए जगतपुर शनि मंदिर के पास यमुना किनारे आए थे। जिसमें हीरा और उनका 14 वर्षीय भांजा आलोक कुमार भी था।
बताया जा रहा है कि हीरा का भांजा अचानक पानी में डूबने लगा। हीरा तुरंत उसे बचाने के लिए कूद गए। मगर तेज बहाव के कारण दोनों ही पानी में डूबते चले गए। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से सर्च आपरेशन के बाद हीरा का शव नदी से बरामद कर लिया है, जबकि आलोक की तलाश जारी है।
दिल्ली बोट क्लब इंचार्ज हरीश कुमार ने बताया कि यमुना नदी में अभी भी बहाव काफी तेज है। मना करने के बावजूद लोग यमुना नदी में नहाने से बाज नहीं आ रहे। जिसकी वजह से इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अभी यमुना नदी से दूर रहें।
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