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    दिल्‍ली पुलिस के 10 कदम जो महिला सुरक्षा को करते हैं पुख्‍ता, आप भी जानिए

    महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दिल्ली पुलिस के कई हेल्पलाइन नंबर और मोबाइल एप मौजूद हैं। आइए जानते हैं दिल्‍ली पुलिस के 10 कदम जिससे महिलाओं को मिलती है सुरक्षा।

    By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 18 Dec 2019 06:48 PM (IST)
    दिल्‍ली पुलिस के 10 कदम जो महिला सुरक्षा को करते हैं पुख्‍ता, आप भी जानिए

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी की सड़कों पर महिलाएं व युवतियां स्वयं को सुरक्षित महसूस करें, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने कई हेल्पलाइन नंबर और मोबाइल एप भी संचालित कर रखे हैं। इमरजेंसी हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन, हिम्मत एप के अलावा फोन पर परेशान करने वालों से निपटने के लिए स्पेशल एंटी स्टॉकिंग ग्रुप भी बना रखा है। इसके अलावा 15 स्थानों पर पीसीआर में महिला पुलिस तैनात रहती हैं।

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    बने हैं महिला हेल्‍प डेस्‍क

    इसके अलावा थानों में महिलाओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के साथ उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यह प्रशिक्षण स्कूल व कॉलेजों में छात्राओं को दिए जाने के साथ महिलाओं के समूह को भी दिया जाता है। एक दिन, तीन दिन और 15 दिनों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन स्पेशल पुलिस यूनिट फॉर वूमेन एंड चाइल्ड द्वारा किया जाता है। इसके अलावा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतों के मद्देनजर स्थानीय पुलिस और पीसीआर वैन स्कूल व कॉलेजों के खुलने और बंद होने के समय स्कूलों और कॉलेजों के बाहर तैनात रहती हैं।

    ये हैं दिल्ली पुलिस की सुविधाएं

    1. आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112

    पुलिस मुख्यालय से वर्ष भर में पुलिस आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 कार्य करता रहता है। सातों दिन और 24 घंटे यह आपातकालीन नंबर काम करता है। यह नंबर महिलाओं के साथ-साथ अन्य लोगों के द्वारा भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।

    2. महिला हेल्पलाइन 1091

    संकट में महिलाओं तक पहुंचने के लिए सितंबर, 2002 से 24 घंटे की हेल्पलाइन 1091 कार्य कर रही है। इस हेल्पलाइन पर आने वाली सभी कॉल को सुनने के लिए अलग से विशेष महिला पुलिस मोबाइल टीम को लगाया गया है। यह टीम हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल को सुनने और मदद पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम करती है।

    3. एंटी-स्टॉकिंग सर्विस

    दिल्ली में महिलाओं को होनेवाली मुख्य समस्याओं में अनचाहे कॉल और मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया के जरिए उन्हें परेशान किए जाने की है। महिलाओं की इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली पुलिस की सीपीसीआर में एक विशेष एंटी-स्टॉकिंग ग्रुप काम करता है। 24 घंटे काम करने वाला यह ग्रुप कॉल करने के मामले में तत्काल कार्रवाई करता है। इसके अलावा साइबर हाईवे नेटवर्क के माध्यम से मामले में कार्रवाई करने के लिए स्थानीय पुलिस को भी जानकारी दी जाती है।

    4. हिम्मत प्लस एप

    महिलाओं के लिए हिम्मत प्लस एप 6 फरवरी 2018 को फिर से लॉन्च किया गया। एप को द्विभाषी बनाया गया है। केवल एप के माध्यम से पंजीकरण सरल और संभव है। साथ ही एप को इमरजेंसी सेफ्टी एप के रूप में बदला गया है। टैक्सी, टीएसआर और ई-रिक्शा के ड्राइवरों के क्यूआर कोड को स्कैन करके उसके बारे में सभी जानकारी एप का प्रयोग करने वाले को मिल जाती है। 30 नवंबर 2019 तक इस एप को 23,369 लोगों ने डाउनलोड किया और 15,602 ने एप पर पंजीकरण कराया है।

    5. तत्पर

    दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2019 में अपनी सेवाएं लोगों को देने के लिए एक डिजिटल पहल शुरू की गई। दिल्ली पुलिस की सभी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन को इस एप में शामिल किया गया है। 50 से अधिक सेवाओं को एक टच के जरिये प्रयोग किया जा सकता है।

    6. महिला पीसीआर वैन

    दिल्ली पुलिस की इस योजना के तहत ड्राइवर से लेकर सभी स्टॉफ जो पीसीआर में तैनात रहता है, वे सिर्फ महिलाएं हैं। महिला पुलिसकर्मियों द्वारा 15 पीसीआर का संचालन किया जा रहा है। ये पीसीआर वैन सी-हेक्सागन-राजपथ, जीसस एंड मैरी कॉलेज, इंडिया गेट इनर सर्कल, अमेरिकन सेंटर, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, खान मार्केट मेट्रो स्टेशन, पटेल चेस्ट अस्पताल, डीयू मेट्रो स्टेशन विश्वविद्यालय, करोल बाग मेट्रो स्टेशन, माता सुंदरी कॉलेज, एस.वी. कॉलेज (साउथ कैंपस), लेडी श्रीराम कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, गार्गी कॉलेज, नेहरू कॉलेज, लक्ष्मी बाई कॉलेज और अशोक विहार पर तैनात रहती हैं। इस सेवा को महिलाओं के खिलाफ अपराध से ग्रस्त अन्य क्षेत्रों में बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

    7. पूवोत्तर के लोगों के लिए विशेष इकाई

    पूवोत्तर के लोगों के लिए एक विशेष पुलिस इकाई नानकपुरा में स्थापित की गई है। जिससे उन्हें अधिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सके। उत्तर-पूर्व क्षेत्र से संबंधित महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को भी हल किया जा सके।

    8. सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग

    महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पुलिस यूनिट द्वारा वर्ष 2002 में आत्म-रक्षा प्रशिक्षण शुरू किया गया था। इसमें महिलाओं को मार्शल आर्ट की तकनीकों के प्रदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है। आत्मरक्षा के लिए किसी भी विषम परिस्थिति में दुपट्टा, पेन और हैंडबैग आदि का प्रयोग असामाजिक तत्वों के हमले से स्वयं को बचाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। वर्ष 2018 में 1451 कार्यक्रमों में दो लाख 95 हजार 276 और वर्ष 2019 में 30 नवंबर तक 1495 कार्यक्रमों में दो लाख 92 हजार 870 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।

    9. पीजी और हॉस्टल की सुरक्षा ऑडिट

    महिलाओं और युवतियों के लिए बनाए गए पीजी और हॉस्टल की सुरक्षा ऑडिट भी दिल्ली पुलिस द्वारा नियमित रूप से कराया जाता है। 453 पीजी और हॉस्टल की सुरक्षा जांच पुलिस द्वारा की जाती है।

    10. शिष्टाचार

    इस योजना के तहत बदमाशों पर नजर रखने के लिए महिला पुलिस अधिकारी सादा कपड़ों में बाजार, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हॉल और बस स्टैंड जैसे व्यस्त स्थानों पर तैनात रहते हैं। अनुचित व्यवहार करते हुए या छेड़छाड़ करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों को तत्काल कार्रवाई के लिए थाने ले जाया जाता है।

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