दिल्ली में बढ़ते अपराध पर लगेगी लगाम, सड़कों पर उतरे 'जगुआर' और 'झांसी' दस्ते; दोनों टीमों की कई खासियतें
दिल्ली पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए जगुआर मोटरसाइकिल और झांसी स्कूटी दस्ते शुरू किए हैं। इस पहल का लक्ष्य सड़क अपराधों को कम करना और नागरिकों विशेष रूप से महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना है। जीपीएस से लैस वाहन संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करेंगे जिससे कानून-व्यवस्था बेहतर होगी और जनता का विश्वास बढ़ेगा। महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की सड़कों पर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए दिल्ली पुलिस की सेंट्रल रेंज ने सोमवार को एक बड़ी पहल की है। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था, जोन-1) रवींद्र सिंह यादव ने ऐतिहासिक लाल किले से सुबह 11:30 बजे जगुआर पेट्रोलिंग मोटरसाइकिल और झांसी पेट्रोलिंग स्कूटी दस्तों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह कदम सीधे तौर पर सड़क अपराधों पर अंकुश लगाने और आम नागरिकों, खासकर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
दिल्ली पुलिस की इस नई पहल के तहत कुल 71 जगुआर मोटरसाइकिल और 15 झांसी स्कूटी सड़कों पर उतारी गई हैं। जगुआर टीम की कमान पुरुष पुलिसकर्मी संभालेंगे, जबकि झांसी दस्ते की कमान महिला पुलिसकर्मी संभालेंगी।
सभी वाहनों में जीपीएस ट्रैकर लगाए गए हैं और उन पर विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया है। गश्ती रूट इस तरह से तय किए गए हैं कि संवेदनशील इलाकों को कवर किया जा सके।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (सेंट्रल रेंज) मधुर वर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह पहल राजधानी को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण मजबूत होगा, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह पहल केवल गश्त तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए भी है। पुलिस की मौजूदगी अब अपराधियों को यह स्पष्ट संदेश देगी कि वे सड़कों पर हावी नहीं हो सकते। आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया समय कम होगा और संवेदनशील इलाकों में पुलिस का दबाव साफ़ दिखाई देगा।
महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान
झांसी स्कूटी स्क्वॉड की ज़िम्मेदारी सीधे तौर पर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी है। महिला पुलिसकर्मी स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और उन जगहों पर विशेष निगरानी रखेंगी जहाँ आमतौर पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटनाओं का ख़तरा ज़्यादा रहता है।
इस कदम से महिलाओं में विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा होगी। साथ ही, प्रमुख सड़कों और व्यस्त इलाकों में गश्त करने वाली जगुआर टीमें घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने की गारंटी देंगी और साथ ही स्नैचिंग, डकैती और अन्य सड़क अपराधों को रोकेंगी।
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