FIITJEE पर कसता जा रहा शिकंजा, अब 4 बड़े अधिकारियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी; देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे
FIITJEE कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ पुलिस और जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। अब फिटजी के चार बड़े अधिकारियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत यह कदम उठाया गया है। नोटिस जारी होने के बाद अब ये अधिकारी देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे। जानिए फिटजी कोचिंग को लेकर क्या है विवाद...

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोचिंग इंस्टीट्यूट फिटजी (FIITJEE) के चार प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ताओं की बड़ी संख्या और पैसे कहां से निकाले गए, इस बारे में अनिश्चितता के कारण एहतियात के तौर पर एलओसी जारी किए गए हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि दस्तावेज जुटाना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। एलओसी का मतलब है कि नामित व्यक्ति देश छोड़कर नहीं जा सकते।
खंगाले जा रहे बैंक खाते
सूत्रों के अनुसार, फंड के संभावित दुरुपयोग को उजागर करने के लिए जांचकर्ताओं ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से कंपनी के दस्तावेज प्राप्त किए हैं। इन दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि विसंगतियों का पता लगाया जा सके। इंस्टीट्यूट से जुड़े बैंक खातों की जांच की जा रही है।
एक अधिकारी के मुताबिक, हम बैंक खातों का विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया में हैं। एक बार जब हमें जानकारी मिल जाएगी, तो हम इसमें शामिल व्यक्तियों की भूमिका का आ
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 189 शिकायतकर्ताओं ने वित्तीय आकलन करेंगे। इससे हमें सबूतों के साथ उनका सामना करने में मदद मिलेगी।दाचार और संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इनमें से तीन की जांच की गई है।
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कोचिंग इंस्टीट्यूट पर हुई थी छापेमारी?
जांच कर्ताओं को उम्मीद है कि विभिन्न जिलों से अधिक परिवारों के सामने आने के साथ शिकायतों की संख्या में वृद्धि होगी। पुलिस सक्रिय रूप से उन प्रभावित लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने अभी तक औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है।
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गुरुग्राम के सेक्टर-44 में और दिल्ली और नोएडा में सात अन्य कोचिंग इंस्टीट्यूट पर छापेमारी की थी, जो कि कंपनी के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच का हिस्सा था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मार्च में आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, षड्यंत्र और साझा इरादे के तहत मामला दर्ज किया था।
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