Cyber Cafe Guidelines: साइबर कैफे का इस्तेमाल कर रहे आपराधिक तत्व और आतंकी, दिल्ली पुलिस ने मालिकों को जारी किए दिशानिर्देश
आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने साइबर कैफे मालिकों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। पुलिस ने कहा कि कैफे में आने वाले लोगों की पुख्ता पहचान रजिस्टर में होनी चाहिए। अंदेशा है कि असामाजिक तत्व या आतंकी साइबर कैफे के जरिए अशांति पैदा कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने साइबर कैफे मालिकों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। पुलिस ने कहा कि कैफे में आने वाले लोगों की पुख्ता पहचान रजिस्टर में जरूर होनी चाहिए। अंदेशा है कि असामाजिक तत्व या आतंकी साइबर कैफे के जरिए अशांति पैदा कर सकते हैं।
लाजपत नगर के एसीपी जय नारायण भारद्वाज ने बताया कि पता चला है कि कुछ आपराधिक असामाजिक तत्व और आतंकी साइबर कैफे में जाकर सुरक्षा/जांच एजेंसियों को गुमराह करने, जनता में दहशत पैदा करने करने का काम कर रहे हैं। साथ ही वो इस जगह का प्रयोग वीवीआईपी और सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को खतरे में डालने, आतंकी गतिविधियों में मदद करने के लिए कर रहे हैं।
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साइबर कैफे मालिकों को रजिस्टर मेंटेन करने का निर्देश
पुलिस ने कहा कि सुरक्षा-व्यवस्था, शांति व्यवस्था बनाए रखने, सुरक्षा को प्रभावित करने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए तुरंत उपाय करना जरूरी है। इसे देखते हुए पुलिस ने उपमंडल लाजपत नगर के पूरे क्षेत्र में साइबर कैफे के मालिकों को साइबर कैफे आने वाले की पहचान के लिए एक रजिस्टर मेंटेन करने को कहा।
आगंतुक के बारे में पता होनी चाहिए ये बातें
उन्होंने कहा कि रजिस्टर में आने वाले द्वारा उसका लिखित नाम, पता, मोबाइल नंबर, पहचान प्रमाण पत्र जरूर दर्ज होना चाहिए। आगंतुक की पहचान पहचान पत्र, मतदाता कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और फोटो क्रेडिट कार्ड के माध्यम से स्थापित की जाएगी।
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सर्वर लॉग का डाटा छह महीने तक सरंक्षित रखना जरूरी
साइबर कैफे मालिकों से कहा गया है कि सर्वल लॉग की गतिविधि (Server Log Activity) छह महीने तक सरंक्षित रखने का निर्देश दिया है।
आदेश में कहा गया है कि साइबर कैफे के उपयोगकर्ताओं की लगातार तस्वीरें खींची जाती हैं और उसका रिकॉर्ड ठीक से रखा जाएगा। साइबर कैफे का दौरा करने के दौरान अपने ग्राहकों के पहचान पत्र की प्रतियों को स्कैन करें। पुलिस के अनुसार यह आदेश 60 दिनों की अवधि के लिए 15 नवंबर तक प्रभावी रहेगा।