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    इंस्टाग्राम पर एक्टर के एआई जनरेटेड वीडियो से ठगा, ऑनलाइन निवेश का झांसा देकर लगाया 1.86 करोड़ का चूना

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 01:42 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली में एक व्यक्ति को फर्जी निवेश योजना में 1.86 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। जालसाजों ने एक एक्टर का फर्जी वीडियो इस्तेमाल कर पीड़ित को फंसाया और उच्च लाभ का लालच देकर पैसे ट्रांसफर करवाए। बाद में संपर्क बंद कर दिया। पीड़ित ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

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    साइबर ठगों ने निवेश का झांसा देकर ठगा।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति को इंस्टाग्राम पर एक एक्टर का फर्जी वीडियो दिखाकर जालसाजों ने 1.86 करोड़ रुपये ठग लिए।

    यह ठगी एक फर्जी निवेश योजना के बहाने अंजाम दी गई, जिसमें एक प्रसिद्ध भारतीय एक्टर का वीडियो उपयोग कर उसे भरोसेमंद दिखाया गया था। माना जा रहा है कि ये वीडियो एआई जेनेरेट है। पुलिस जांच में जुटी है।

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    पीड़ित ने जब इस वीडियो को देखा, तो वह उसमें किए गए उच्च रिटर्न के वादे से प्रभावित होकर फर्जी वेबसाइट पर पंजीकरण कर बैठा, जिसकी वजह से उसे चूना लगा गया।

    जब जालसाजों ने रकम ट्रांसफर कराने के बाद संपर्क बंद कर दिया तो पीड़ित को ठगी का पता चला, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस) यूनिट में शिकायत दर्ज कराई।

    जानकारी के मुताबिक, पंजीकरण के कुछ ही समय बाद, खुद को निवेश सलाहकार बताने वाले कुछ लोगों ने इंटरनेट मीडिया एप्लिकेशन के जरिए पीड़ित से संपर्क करना शुरू किया।

    उन्होंने ट्रेडिंग के नाम पर उन्हें विभिन्न बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करने को राजी किया। आरोपित उन्हें यह बताने लगे कि कब और कितने लाभ पर किस सिक्योरिटी को खरीदना या बेचना है। इसके अलावा, उन्होंने वीडियो काल के जरिए उच्च लाभ के आंकड़े दिखाकर उन्हें अधिक निवेश करने को प्रेरित किया।

    ठगों ने इस पूरे प्रकरण को वैध दिखाने के लिए एक जाली क्लाइंट एग्रीमेंट दस्तावेज भी भेजा, जिससे पीड़ित को विश्वास हो गया कि वह किसी असली ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर निवेश कर रहा है।

    एक महीने की अवधि में, पीड़ित ने 1,86,42,475 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। इन खातों पर भी ठगों का नियंत्रण था और फंड को वहीं से हेरफेर किया गया। पीड़ित से व्यक्तिगत दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट भी मांगे गए, जिन्हें उसने बिना किसी संदेह के साझा कर दिया।

    निवेश की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, जालसाजों ने चेक के माध्यम से सीधे रकम जमा करवाने का दबाव भी बनाया। जब समय पर कोई लाभ नहीं मिला और निवेश सलाहकारों का व्यवहार संदिग्ध होने लगा, तो पीड़ित ने ईमेल के जरिए संपर्क साधा। लेकिन उसे वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला।

    जब लगातार प्रयासों के बाद भी कोई समाधान नहीं मिला, तो पीड़ित ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।

    एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह घोटाला एक सुनियोजित साइबर अपराध का हिस्सा है, जिसमें लोगों को हाई-प्रोफाइल चेहरों और फर्जी प्रचार सामग्री के माध्यम से फंसाया जा रहा है। आरोपितों का पता लगाने के लिए विभिन्न खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है।