Delhi News: दिल्ली में हैं 32 हजार बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये, गृह मंत्रालय में हुई बैठक में तय हुई रणनीति, अब तोड़ी जाएंगी झुग्गियां
दिल्ली पुलिस राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करेगी। गृह मंत्रालय के निर्देश पर झुग्गियों को तोड़ने की कार्रवाई भी होगी। दिल्ली पुलिस की ओर से छह महीने में 32 हजार से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: राजधानी में वर्षों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्याओं की धर पकड़ अभियान में दिल्ली पुलिस और तेजी लाएगी।
सोमवार को गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के बीच हुई बैठक में इस मसले पर भी चर्चा की गई। कार्रवाई में तेज करने के निर्देश मिले।
पिछले छह माह में दिल्ली पुलिस ने करीब 32 हजार से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशियों की पहचान की है। जिनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड समेत अन्य दस्तावेज की जांच की जा रही है।
400 बांग्लादेशियों की जानकारी विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से मांगी
मंत्रालय के निर्देश पर अब राजधानी में झुग्गियों को तोड़ने में भी तेजी लाई जाएगी। 400 से अधिक बांग्लादेशी को शार्ट लिस्ट कर दिल्ली पुलिस ने उनके बारे में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जानकारी मांगी हैं।
प्राधिकरण को यह जानकारी मुहैया करने के लिए कहा गया कि इन्होंने आधार कार्ड बनाने के लिए क्या-क्या दस्तावेज जमा किए थे। जानकारी मिलने पर पुलिस उक्त दस्तावेज की सत्यता के बारे में पता लगा रही है।
मंगलवार को इस मसले पर पुलिस मुख्यालय में भी पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ इंटेलिजेंस यूनिट के विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा व स्पेशल ब्रांच के अन्य अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई।
अभियान तेज करने की रणनीति 15 जिलों के डीसीपी से बताई जाएगी
सूत्रों की मानें तो बैठक में इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीति तय की गई। नए एजेंडे के बारे में जल्द ही सभी 15 जिले के डीसीपी को बताया जाएगा।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि अबतक 255 बांग्लादेशी घुसपैठिये को वापस बांग्लादेश भेज दिए गए हैं। 100 से अधिक बांग्लादेशियों को सराय रोहिल्ला स्थित बांग्लादेशियों के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
डिपोर्ट करने की प्रकिया है लंबी, पुलिस को पेश आती है परेशानी
पुलिस अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेशियों को वैध प्रक्रिया के तहत डिपोर्ट करने की लंबी प्रक्रिया है।
लंबे समय तक बांग्लादेशी को रखने, खाने का बंदोबस्त, निरंतर मेडिकल चेकअप कराने व फिर उनका टिकट करवा बांग्लादेश भेजने में काफी खर्च उठाना पड़ता है।
बांग्लादेश की सरकार उन्हें अपना नागरिक नहीं मानती है, जिससे सरकार व पुलिस के सामने कई तरह की समस्याएं आती हैं।
एफआरआरओ के सामने पेश कर डिपोर्ट करने का ऑर्डर लिया जाता है
पुलिस बांग्लादेशियों को पकड़ने के बाद उन्हें एफआरआरओ के सामने पेश करती है। जहां से उन्हें डिपोर्ट करने का ऑर्डर करवा कर बांग्लादेश भेज दिया जाता है।
इस कार्रवाई में दिल्ली पुलिस बांग्लादेश की सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों का सहयोग ले रही हैं।
पिछले छह माह के दौरान दिल्ली पुलिस इमिग्रेशन रैकेट से संबंधित 15 एफआइआर दर्ज कर चुकी हैं।
बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराने वाले 40 आरोपितों को पकड़ चुकी है पुलिस
पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार कराने से लेकर उन्हें दिल्ली लाने, फर्जी दस्तावेज के जरिये उनके आधार कार्ड बनवाने, नौकरी दिलाने व रहने के लिए जगह देने वाले 40 से अधिक आरोपितों को पकड़ चुकी हैं।
पुलिस का मानना है कि घुसपैठियों के मददगारों के चेन में शामिल लोगों को पकड़ने व उनके दिल्ली में अवैध रूप से ठहरने पर रोक लगा देने पर काफी असर पड़ेगा।
घुसपैठियों व उनके शरण दाताओं की पहचान कर धर पकड़ का अभियान विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर में शुरू किया गया था।
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