दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टरों के लिए गुड न्यूज, लंबे समय तक रह सकेंगे थाना प्रभारी
दिल्ली पुलिस में थाना प्रभारियों के लिए अच्छी खबर है। अब बेहतर काम करने वाले इंस्पेक्टर लंबे समय तक अपने पद पर बने रहेंगे। पहले कार्यकाल की समय सीमा तीन साल तय कर दी गई थी जिससे भ्रष्टाचार बढ़ गया था। अब पुलिस आयुक्त ने इस फैसले को बदल दिया है। वर्तमान में दिल्ली के 14 थाने खाली हैं जहाँ जल्द ही अनुभवी इंस्पेक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टरों के लिए एक राहत की खबर यह है कि अगर वे अपने इलाके में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे, उनका ट्रैक रिकार्ड ठीक होगा और पुलिस आयुक्त की उम्मीदों पर खड़ा उतरेंगे तब वे लंबे समय तक थाना प्रभारी के पद पर बने रह सकेंगे। यानी बेहतर काम करने वाले इंस्पेक्टर पहले की तरह विभिन्न थानाें के थाना प्रभारी रह पाएंगे। इसके लिए कोई पाबंदी नहीं रहेगी।
दिल्ली समेत सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल में इस तरह की व्यवस्था पहले से है। तीन साल पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने दिल्ली में थाना प्रभारियाें के कार्यकाल की समय सीमा तीन साल तय कर दी थी। इस फैसले का अच्छा परिणाम आने के बजाय खराब परिणाम सामने आया।
कार्यकाल की समय सीमा तय कर देने से पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार तेजी से पनपा। थाना प्रभारियों का अपने कर्मियों पर किसी न किसी दबाव के कारण इलाके की कानून व्यवस्था पर ध्यान देने के बजाय उनका ध्यान दूसरे कामों पर अधिक लगा रहा। जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई।
सड़कों पर होने वाले छोटे-मोटे अपराध बढ़ गए। नए आयुक्त सतीश गोलचा ने पदभार ग्रहण करते ही इस फैसले को तुरंत बदलने का निर्णय लिया था। सभी आला अधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद इसे बदल दिया गया।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में थाना प्रभारियों के सामने अपने इलाके की कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती रहती है। अनुभवी थाना प्रभारियों को थानों के संचालन में अधिक समस्या नहीं आती है, लेकिन नए प्रभारियों को कुछ समय तक दिक्कत आती है।
खाली पड़े हैं 14 थाने
पुलिस अधिकारी का कहना है कि दो से तीन साल का समय थाना प्रभारियों को काम सीखने में लग जाता है तब तक उनका कार्यकाल पूरा हो जाने पर उन्हें बदल दिया जाता था। मौजूदा समय में दिल्ली के 14 थाने खाली पड़े हैं। इन थानों के थाना प्रभारियों में कुछ को किसी न किसी लापरवाही के कारण निलंबित तो कुछ को लाइन हाजिर कर दिया गया। जिससे ये थाने खाली पड़े हैं।
इनमें अधिकतर पहली बार थाना प्रभारी की जिम्मेदारी पाने वाले इंस्पेक्टर थे। मुख्यालय सूत्रों की मानें ते पुलिस आयुक्त इन थानों में अब बेहतर काम करने वाले और अनुभवी इंस्पेक्टरों को थाना प्रभारी नियुक्त करेंगे। इसके लिए बेहतर इंस्पेक्टराें का चयन किया जा रहा है। संभवत: अगले हफ्ते इन थानों में थाना प्रभारियों की तैनाती कर दी जाएगी।
2021 में दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त रहीं सुंदरी नंदा ने तीन साल के कार्यकाल का सुझाव तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को दिया था। सुंदरी नंदा का गृह मंत्रालय में तबादला हो जाने व अस्थाना के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद पूर्व पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने इस नियम को लागू कर दिया था। जिसके बाद उस व्यवस्था के अनुरूप तैनाती की जाने लगी थी। इसको लेकर इंस्पेक्टरों में नाराजगी थी।
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