दाती महाराज के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज, क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट
क्राइम ब्रांच ने साकेत कोर्ट में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत केस में चार्जशीट दायर की है। दुष्कर्म मामले में दाती व उसके सौतेले भाइयों से कई बार पूछताछ की गई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दुष्कर्म के आरोपी शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज (असली नाम मदन लाल) के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साकेत कोर्ट में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत केस में चार्जशीट दायर की है। दाती महाराज को बिना गिरफ्तार किए ही ये चार्जशीट दाखिल की गई है। दाती और उसके तीन सौतेले भाइयों का नाम चार्जशीट के कॉलम नंबर 11 में आरोपी के तैर पर रखा गया है।
नहीं मिले पर्याप्त सबूत
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने पाली आश्रम में जिन तीन तारीखों पर उसके दुष्कर्म होने की एफआइआर दर्ज कराई थी, उसमें से एक तारीख को लड़की पाली में मौजूद नहीं थी बल्कि अजमेर में अपने कॉलेज में मौजूद थी जिसके सबूत कॉलेज में पीड़िता की हाजिरी से पता लगे हैं। वही, दिल्ली आश्रम में जिस तारीख को दाती पर पीड़िता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था उस दिन शनि अमावस्या थी और दाती भस्म लगाकर पूजा हवन में शामिल था और सैकड़ों की तादात में पीड़िता सहित आश्रम की अन्य लड़कियां और अनुयायी भी मौजूद थे। उस दिन भी कोई ऐसा सबूत पुलिस को नहीं मिला जो ये साबित करे की पीड़िता के साथ दाती के जोर जबरदस्ती की थी।
गिरफ्तार किए बिना आरोप पत्र दाखिल
इससे पहले माना जा रहा था कि दुष्कर्म के आरोपी शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज व उसके तीन सौतेले भाइयों अनिल, अशोक व अर्जुन को क्राइम ब्रांच गिरफ्तार किए बिना आरोप पत्र दाखिल करेगी। इसकी वजह इनके खिलाफ दुष्कर्म के ठोस सबूत नहीं मिलना बताया गया था।
कई बार हो चुकी है पूछताछ
तीन माह पहले 10 जून को फतेहपुर बेरी थाने में मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने केस को क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित कर दिया था। क्राइम ब्रांच ने युवती और उनके परिजनों से पूछताछ के साथ जांच शुरू की थी। दाती से आठ बार और उसके सौतेले भाइयों से भी कई बार पूछताछ की गई।
दाती के खिलाफ नहीं मिले सबूत
सबूत की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम दाती के दिल्ली और राजस्थान स्थित आश्रमों व मंदिरों में कई बार गई थी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की तरफ से यह कहा गया था कि दाती व उसके तीनों सौतेले भाइयों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
रची गई साजिश
तफ्तीश के दौरान क्राइम ब्रांच के समक्ष दाती से जुड़े उसके तीन पूर्व सहयोगियों सचिन जैन, नवीन व शक्ति के साथ रंजिश की बात भी सामने आइ। दाती ने पुलिस के सामने सफाई दी कि तीनों ने श्रद्धालुओं के चंदे की रकम गबन की थी। साथ ही उसे व उसके भाइयों को बदनाम करने, दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने के लिए साजिश रच युवती को उकसा कर फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया।
सीबीआइ जांच की मांग
पुलिस ने तीनों से भी कई बार पूछताछ की। उन्होंने दाती के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इस पर पीड़ित युवती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर क्राइम ब्रांच की जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए केस को सीबीआइ में ट्रांसफर करने की मांग की। इस पर हाई कोर्ट ने क्राइम ब्रांच से स्टेटस रिपोर्ट मांगी।
क्या है मामला
राजस्थान की रहने वाली 25 साल की युवती ने दाती व उसके तीन सौतेले भाइयों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इसके अनुसार, 9 जनवरी 2016 को पाली आश्रम से करीब 45 युवतियों को चरण वंदना (पैर दबाने) के लिए दिल्ली बुलाया गया था। इनमें वह भी शामिल थी।
पढ़ाई के लिए भेजा गया था आश्रम
युवती का आरोप है कि उसी रात दाती ने पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया था, फिर उसके तीन सौतेले भाइयों अनिल, अशोक व अर्जुन ने दुष्कर्म किया था। उसके बाद 26, 27 व 28 मार्च 2016 को युवती से पाली स्थित आश्रम में दाती और उसके तीनों भाइयों ने दुष्कर्म किया था। उसके परिजन ने करीब 10 साल पहले पढ़ाई के लिए उसे दाती के राजस्थान पाली स्थित बालाग्राम गुरुकुल आश्रम में भेजा था। बाद में उसे छतरपुर स्थित आश्रम में भेज दिया गया।