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    जिम जानेवाले लोगों को 'मेफेंटरमाइन' इंजेक्शन बेच रही थी महिला, हुई गिरफ्तार; क्यों होता है इसका इस्तेमाल?

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जिम जाने वालों को अवैध रूप से मेफेंटरमाइन इंजेक्शन बेचने वाली महिला को गिरफ्तार किया है। महिला के घर से 60 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल जिम जाने वाले लोग बॉडी बनाने और नशे के लिए करते हैं। पुलिस ने महिला के खिलाफ औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 22/23 के तहत केस दर्ज किया है।

    By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Sat, 28 Dec 2024 08:04 PM (IST)
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    महिला के घर से जब्त हुए इंजेक्शन। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में जिम जाने वाले लोगों को अवैध रूप से मेफेंटरमाइन इंजेक्शन बेचने वाली महिला निधि को गिरफ्तार किया है।

    इस इंजेक्शन का इस्तेमाल जिम जाने वाले लोग बॉडी बनाने व नशे के लिए करते हैं। महिला के घर से मेफेंटरमाइन के 60 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।

    साइकोट्रॉपिक इंजेक्शन की चल रही थी अवैध बिक्री

    इसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने साइकोट्रॉपिक इंजेक्शन की अवैध बिक्री करने के मामले का भंडाफोड़ किया है। 2027 तक 'नशा-मुक्त दिल्ली' बनाने के संकल्प के तहत दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

    डीसीपी क्राइम ब्रांच भीष्म सिंह के मुताबिक निधि दिल्ली की रहने वाली है और वह गृहिणी है। इसका कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

    अवैध रूप से साइकोट्रॉपिक पदार्थों के भंडारण और बिक्री की उसकी गतिविधियों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य व खासकर युवाओं के लिए खतरा पैदा कर दिया है।

    26 दिसंबर को मिली पुलिस को सूचना

    26 दिसंबर को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स को सूचना मिली कि कोटला मुबारकपुर में निधि नाम की एक महिला स्टेमिना बढ़ाने के लिए जिम जाने वालों को मेफेंटरमाइन इंजेक्शन बेचने का काम करती है।

    वह बिना लाइसेंस के अवैध रूप से इस तरह का धंधा कर रही है। जिसके बाद एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने वहां से निधि को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से मेफेंटरमाइन इंजेक्शन मिले।

    आरोपी को आजीवन कारावास तक हो सकता है

    जिसके बाद उसके खिलाफ औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 22/23 के तहत केस दर्ज कर लिया गया।

    इन धाराओं में न्यूनतम तीन वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रविधान है। इस दवा को डाक्टरों द्वारा लिखे जाने के बाद ही खरीदा जा सकता है।

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