Delhi: जाफराबाद की गोलीबारी की घटना में चार शार्प शूटर गिरफ्तार, बाबा और चप्पल गैंग से दोनों हैं जुड़े
Delhi Jafrabad Shootout Incident दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हसीम बाबा और सुहेल चप्पल गैंग के शार्प शूटर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि चार वांछित आरोपी जाफराबाद थाना क्षेत्र में फायरिंग के मामले में गिरफ्तार हो गए।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद में यमुनापार के कुख्यात गैंगस्टर हासिम बाबा के शूटरों ने विरोधी गैंगस्टर छेनू के चार शूटरों को गोलियां मारी थी। यमुनापार में सट्टा, जुआ व अन्य संगठित अपराध पर आधिपत्य जमाने को लेकर इन दोनों गैंगस्टरों के बीच कई दशक से जमकर खूनी संघर्ष चल रहा है लेकिन दिल्ली पुलिस इन दोनों गैंगस्टरों पर पूरी तरह नकेल नहीं कस पा रही है।
आए दिन दोनों गैंगस्टरों के बीच गैंगवार में शूटरों की मौत होती रहती है। गत पांच जून को हासिम बाबा के शूटरों ने छेनू के चार शूटरों पर इसलिए गोलियां चलाई थी क्योंकि वे उसके धंधे में दखल दे रहे थे। जुआ व सट्टा का धंधा करने वाले जिन लोगों से हासिम के शूटर वसूली कर रहे थे, उन्हीं लोगों से छेनू के शूटरों ने भी उगाही के दबाव बनाना शुरू कर दिया था।
क्राइम ब्रांच ने छेनू के चार शूटरों को गोलियां मारने के मामले में हासिम के चार शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में शामिल दो अन्य शूटर व साजिशकर्ता साबिर को पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। साबिर हासिम व छेनू समेत कई गिराहों के लिए काम करता है और दिल्ली पुलिस का मुखबिर भी बताया जा रहा है।
मंडोली जेल में बंद हासिम के सक्रिय सहयोगी सुहैल उर्फ चप्पल ने मोबाइल फोन से साबिर को को ही छेनू के शूटरों की हत्या कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके बाद उसने छह शूटरों का इंतजाम किया था। इसपर भी मकोका समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सभी शूटरों को वारदात से पहले बिजनौर के रहने वाले बदमाश शहजाद की फैक्ट्री में हथियार व कारतूस मुहैया कराए गए थे।
विशेष आयुक्त अपराध शाखा रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम घोष उर्फ भिंडी उर्फ बादशाह (चौहान बांगर), अनस इकबाल (जाफराबाद), मुंडा (तीसरा पुस्ता उस्मानपुर) व शहजाद (बरहापुर, बिजनौर) है। वारदात की तस्वीरें आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी जिसे लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया था।
पांच जून को गोलीबारी में जिन चार बदमाशों को गोलियां लगी थी उनमें समीर खोपद, अब्दुल हसन, अरबाज, हमजा शामिल हैं। हासिम के शूटर मुख्य रूप से अरबाज को मारने आए थे। लेकिन उसके साथ तीन अन्य के होने के कारण उन्हें भी गोलियां लग गई थी।
सभी को एक-एक गोली लगी थी। उनकी अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। इनमें समीर, अरबाज व हमजा पर हत्या, झपटमारी, लूटपाट आदि के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पांच जून को गली नंबर 38, जाफराबाद में पुलिस को गोलीबारी की घटना की सूचना मिली थी, जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले और गैंगस्टर इफरान उर्फ छेनू के चार बदमाशों पर अत्याधुनिक हथियारों से हमला किया था। वारदात के बाद क्राइम ब्रांच को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई।
संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा, डीसीपी सतीश कुमार, एसीपी रोहताश कुमार व इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के नेतृत्व में एसआइ अबोध शर्मा, प्रकाश, देवेंद्र मलिक, एएसआइ धर्मेंद्र, गजेंद्र, हवलदार अमित, मनीष, सौरभ व सिपाही विकास की टीम ने हासिम के शूटरों का पता लगा उन्हें दबोचने के लिए दबिश शुरू कर दी।
बदमाश दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठिकाना बदलते रहे। टीम उनका पीछा करती रही। अंतत: चारों को रैन बसेरा, मुस्कान रेस्टोरेंट, वेलकम के पास से दबोच लिया गया। इनके पास से दो पिस्टल, तीन कट्टा व 15 कारतूस बरामद किए गए हैं।
हासिम भी लंबे समय से मकोका के तहत जेल में बंद है। उसका अपराध सिंडिकेट अवैध व्यापारों में फैला हुआ है, जिसमें नशीले पदार्थों की तस्करी, जुआ, सट्टा, जबरन वसूली व संगठित अपराध शामिल हैं।
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