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    दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर वापस भेजा

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 02:55 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने दक्षिण-पश्चिमी जिले में सत्यापन अभियान के दौरान दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा। नन्ना एकोन और मोहम्मद रिमोन हुसैन पीके की पहचान हुई। दोनों को एफआरआरओ के समक्ष पेश किया गया और वापस बांग्लादेश भेज दिया गया। पुलिस उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके तहत पहले भी पुलिस घुसपैठियों को वापस उनके देश भेज चुकी है।

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    दिल्ली पुलिस ने दो बांग्लादेशियों को पकड़कर वापस भेजा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस ने महिपालपुर व पालम गांव में सत्यापन अभियान के दौरान दो बांग्लादेशियों को पकड़ा। आरोपितों की पहचान नन्ना एकोन निवासी बेगरहट, बांग्लादेश व मोहम्मद रिमोन हुसैन पीके निवासी जिला बागोरा, बांग्लादेश के रूप में हुई है।

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    आरोपित नन्ना एकोन महिपालपुर में पिछले छह साल से और रिमोन पालम गांव में पिछले तीन साल से पहचान छिपाकर रह रहे थे। पुलिस ने दोनों को एफआरआरओ के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।

    पुलिस को नहीं दिखा सका वैध दस्तावेज

    पुलिस के मुताबिक उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश के क्रम में अवैध बांग्लादेशियों की धर-पकड़ के लिए सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।

    अभियान के दौरान टीम को सूचना मिली कि महिपालपुर में एक अवैध प्रवासी घूम रहा है। इस पर संदिग्ध को पकड़ा गया। उसके पहचान संबधी दस्तावेज मांगे गए तो वह वैध दस्तावेज दिखाने में विफल रहा।

    वापस भेजा गया बांग्लादेश

    उसने अवैध प्रवासी होने की बात स्वीकार की। वह छह साल पहले भारत में आया था। उसके पास केवल बांग्लादेशी वोटर कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी थी। पूछताछ के बाद आरोपित को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।

    पालम में तीन साल से था रिमोन हुसैन

    पालम थाने की टीम को अवैध गतिविधियों को लेकर जानकारी मिली। टीम ने सूचना के आधार पर अवैध बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद रिमोन हुसैन पीके को पकड़ा।

    पूछताछ में उसने बताया कि वह 2021 में भारत में दाखिल हुआ था और तब से भारत के विभिन्न हिस्सों में रह रहा है और मजदूरी करता है। आवश्यक कानूनी कार्रवाई के बाद उसे एफआरआरओ के माध्यम से वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।