रोहिंग्या के खिलाफ दिल्ली पुलिस का अभियान तेज, गृह मंत्रालय ने दिया बड़ा आदेश
दिल्ली पुलिस ने रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है UNHCR कार्ड धारकों को भी भारत छोड़ना होगा। गृह मंत्रालय ने म्यांमार भेजने में मदद के लिए एजेंसियों को समन्वय का आदेश दिया है जिसके बाद एक हजार से अधिक रोहिंग्याओं की पहचान हुई है। 43 रोहिंग्याओं को म्यांमार भेजा जा चुका है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो गई।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशियों के साथ ही अब राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्याओं के खिलाफ भी अपना अभियान तेज कर दिया है। यूएनएचसीआर कार्ड रखने वाले रोहिंग्याओं को भी अब भारत छोड़ना होगा।
गृह मंत्रालय ने रोहिंग्याओं को दिल्ली से म्यांमार भेजने में दिल्ली पुलिस की मदद के लिए तटरक्षक बल और वायुसेना समेत कई केंद्रीय एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
सभी को एक-दूसरे के साथ बेहतर समन्वय बनाकर काम करने को कहा गया है। इसके बाद एक हजार से ज्यादा रोहिंग्याओं की पहचान की गई है। इनमें से 43 रोहिंग्याओं को समुद्र के रास्ते म्यांमार भेजा जा चुका है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 43 रोहिंग्याओं को पहले विमान से अंडमान निकोबार भेजा गया, फिर वहां से समुद्री जहाज के जरिए इन्हें म्यांमार भेजा गया। इस प्रक्रिया में कई एजेंसियों की मदद ली गई है।
43 रोहिंग्याओं को वापस भेजने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि अंडमान निकोबार के रास्ते म्यांमार भेजे जाने के दौरान ये रोहिंग्या समुद्र में बह गए। इसमें इन सभी की जान चली गई।
इसलिए केंद्र सरकार से इस तरह की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई थी। 16 मई को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह की रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार रोहिंग्याओं को शरणार्थी नहीं मानती
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में रहने वाले एक हजार से ज्यादा रोहिंग्याओं की पहचान कर ली गई है। ये सभी कई दशकों से यहां रह रहे हैं। दिल्ली पुलिस की खुफिया इकाई समेत कई एजेंसियां इन पर नजर रख रही हैं।
इनके अलावा कई रोहिंग्या फर्जी शरणार्थी कार्ड बनवाकर और बिना कार्ड के भी अवैध रूप से रह रहे हैं। इनकी पहचान कर इन्हें गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इन सभी को म्यांमार भी भेजा जाएगा। ज्यादातर रोहिंग्या जम्मू और असम के कठुआ में रहते हैं। उन जगहों से रोहिंग्या दिल्ली आते रहते हैं।
कौन हैं रोहिंग्या?
म्यांमार में मुसलमानों का एक समुदाय ऐसा भी है, जिसे सरकार ने नागरिकता देने से मना कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें शरणार्थी कार्ड दे दिया है। इसके बाद वे शरणार्थी बनकर अलग-अलग देशों में अवैध रूप से रह रहे हैं। भारत में उनकी अनुमानित संख्या करीब 40 हजार है।
छह महीने में पकड़े गए 750 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए
पिछले छह महीने से राजधानी में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसके तहत अब तक 750 से ज्यादा बांग्लादेशियों को वापस बांग्लादेश भेजा जा चुका है।
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