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    Delhi Police आयुक्त राकेश अस्थाना बोले वह पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों में नहीं करते भेदभाव, पढ़िये और क्या कहा?

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 12:28 PM (IST)

    राकेश अस्थाना ने कहा कि वह पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों में कोई भेदभाव नहीं करते हैं। ट्रेनिग में समानताएं होती हैं। दिल्ली पुलिस में 16 फीसद महिलाएं हैं। उनकी डयूटी थानों में भी लगाई गई हैं। रात्रि गश्त में भी पुरुषों की तरह महिला पुलिस कर्मियों की भूमिका होनी चाहिए।

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    उत्तर पश्चिम जिला की ओर से सुरक्षा से विकास कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि वह पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों में कोई भेदभाव नहीं करते हैं। दाेनों की ट्रेनिग में समानताएं होती हैं। दिल्ली पुलिस में 16 फीसद महिलाएं हैं। उनकी डयूटी थानों में भी लगाई गई हैं। रात्रि गश्त में भी पुरुषों की तरह महिला पुलिस कर्मियों की भूमिका होनी चाहिए। ताकि उन्हें कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने के मामले में अगली पंक्ति में लाया जा सके। तेजस्विनी जैसी योजनाओं से जनता में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ा है।

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    उन्होंने कहा कि समाज के दो फीसद लोग ही असामाजिक व आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। ऐसे लोगों पर नियंत्रण के लिए हम समाज के 98 फीसद लोगाें को साथ लेकर चलना चाहते हैं। इसके लिए हम कम्युनिटी पुलिसिंग की योजना पर काम कर रहे हैं। जिसका उद्देश्य आम लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करना है और पुलिस को लेकर उनके मन के भय का समाप्त करना है। वह गुरुवार को उत्तर पश्चिम जिला पुलिस की ओर से आयोजित सुरक्षा से विकास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

    पीतमपुरा स्थित राष्ट्रीय स्वाभिमान खेल परिसर में आयोजित समारोह में दिल्ली पुलिस के मुखिया ने कहा कि पुलिस को लेकर लोगों के मन में भले ही डर रहता हो, लेकिन इसका दूसरा पहलु यह भी है कि जब घर, परिवार, समाज में कोई आपात स्थिति पैदा होती है, हम सबसे पहले मदद के लिए पुलिस को ही याद करते हैं। जिसका प्रमाण हमने कोविड काल में देखा है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने कोरोना योद्धाओं के लिए काेरोना संक्रमितों के लिए दवा, आक्सीजन सिलेंडर से लेकर श्मशान घाट तक हर संभव मदद पहुंचाई। जिसकी लोग आज भी तारीफ कर रहे हैं।

    उन्हाेंने कहा कि दिल्ली पुलिस सदैव लोगों के साथ है और कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिये हम अपनी संख्या को बढ़ाना चाहते हैं। हम केवल अपराध व अपराधियोें पर ही नियंत्रण काना नहीं चाहते हैं बल्कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहते हैं।

    पूरी दिल्ली में लागू होगी तेजस्विनी योजना

    उन्होंने उत्तर पश्चिम जिले की डीसीपी उषा रंगनानी व उनकी टीम की सराहना की और जिले में महिला सुरक्षा को लेकर चलाई जा रही तेजस्विनी जैसी योजनाओं को पूरी दिल्ली में लागू करने का भी भराेसा दिया। इस योजना के तहत जिले में 46 महिला पुलिस कर्मी बीट अफसर के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने दो पुलिस कर्मियों को इवेंस्टिगेशन किट भी प्रदान किया। इसके पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि सुरक्षा मौलिक आवश्यकता है। अपराधियाें के मन मे कानून का भय पैदा करना ही हमारी ड्यूटी है।

    कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत डीसीपी उषा रंगनानी ने की और उन्होंने युवा, प्रहरी, तेजस्विनी जैसी योजनाओं के जरिये से अपराध पर लगाम लगाकर सुरक्षित माहौल पैदा करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अलाप पटेल ने किया। इस मौके पर प्रहरी योजना से जुड़े उन बहादुर निजी सुरक्षा गार्डाे को प्रशस्ति पत्र नकदी देकर सम्मानित भी किया, जिन्होंने बदमाशों को पकड़वाने व समय रहते वारदात की जानकारी पुलिस को देने का काम किया था।