दिल्ली में पुलिसकर्मियों की समस्याओं का होगा समाधान, कमिश्नर ने निवारण के लिए शुरू किया 'ओपन हाउस'
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए ओपन हाउस सत्र शुरू किया है। इस पहल के तहत पुलिसकर्मी अपनी समस्याएँ सीधे आयुक्त के सामने रख सकते हैं। पहले दिन ही कई समस्याओं का समाधान किया गया और जटिल मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। यह सत्र हर दूसरे शनिवार को आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाना है।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने पुलिसकर्मियों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए "ओपन हाउस" सत्र शुरू किया है। इसकी शुरुआत पिछले शनिवार को हुई थी।
इस सत्र में शामिल होकर अपनी समस्याएँ प्रस्तुत करने वाले अधिकांश पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान शनिवार शाम तक ही हो गया। जिन मामलों में लंबित विभागीय जाँचों या अन्य कारणों से समस्याएँ जटिल थीं, वहाँ आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द समाधान निकालने के निर्देश दिए।
उदाहरण के लिए, स्वरूप नगर थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर (आतंकवाद निरोधक अधिकारी) ने घर से दूर रहकर ड्यूटी करने में आने वाली समस्याओं का हवाला देते हुए अपने घर के पास की पीसीआर यूनिट में स्थानांतरण का अनुरोध किया।
आयुक्त ने तुरंत उनका स्थानांतरण पीसीआर यूनिट में कर दिया। इसी प्रकार, एक अन्य इंस्पेक्टर ने यह कहते हुए किसी जिले में तैनाती का अनुरोध किया कि वह वर्षों से एक गैर-संवेदनशील यूनिट में तैनात है, जिस पर उसका भी स्थानांतरण एक जिले में कर दिया गया।
लगभग 95 हज़ार पुलिसकर्मियों वाली दिल्ली पुलिस में भी बड़ी संख्या में ऐसे पुलिसकर्मी हैं जिन्हें समय-समय पर किसी न किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।
किसी न किसी मजबूरी के चलते आला अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते। अब ओपन हाउस में कमिश्नर के सामने अपनी समस्याएं बताकर उनकी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा।
दरअसल, कांस्टेबल से लेकर एसीपी रैंक तक के पुलिसकर्मियों की पुलिस कमिश्नर तक सीधी पहुँच नहीं है। कमिश्नर के ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी, डीसीपी रैंक) उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दे रहे थे। पिछले कुछ सालों में ऐसी समस्याएं काफी बढ़ गई थीं, जिससे पुलिसकर्मियों में असंतोष देखा जा रहा था।
पुलिस कमिश्नर ने ऐसी समस्याओं को दूर कर पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने की एक बेहतर पहल शुरू की है। माना जा रहा है कि इससे पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा, जिसका असर उनके दैनिक कार्यों में देखने को मिलेगा।
ओपन हाउस सत्र में कांस्टेबल से लेकर एसीपी रैंक तक के पुलिसकर्मी अब पुलिस कमिश्नर के सामने अपनी समस्याएं रख सकेंगे। यह सत्र हर दूसरे शनिवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। इसमें कमिश्नर के साथ संयुक्त आयुक्त मुख्यालय, डीसीपी मुख्यालय, एसीपी (उच्च अधीनस्थों का स्थानांतरण एवं नियुक्ति), एसीपी (पदोन्नति संबंधी मामले),
निरीक्षक (निम्न अधीनस्थों का स्थानांतरण एवं नियुक्ति) आदि कई अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
ओपन हाउस की शुरुआत पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने की थी। उस दौरान कांस्टेबल से लेकर एसीपी रैंक तक के कर्मचारी कमिश्नर के समक्ष अपनी समस्याएँ रखते थे। एक साल बाद उनकी सेवानिवृत्ति पर यह नियम बंद कर दिया गया था। जिसे वर्तमान कमिश्नर ने फिर से शुरू किया है।
इस बार ओपन हाउस सत्र की शुरुआत बेहतर तरीके से की गई है। मुख्यालय के मेल पर आवेदन करने वाले 50 कर्मचारियों का चयन किया जाता है। उक्त कर्मचारियों से संबंधित फाइलें तैयार की जाती हैं और ओपन हाउस के दिन उनकी फाइलें कमिश्नर के समक्ष रखी जाती हैं।
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