दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता, गिरोह के चार सदस्य दबोचे और चोरी के 52 मोबाइल बरामद
दिल्ली पुलिस ने चोरी के मोबाइल फोन झपटने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके कब्जे से 52 मोबाइल फोन और दो चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद हुई हैं। आरोपी चोरी के मोबाइल फोन को अनलॉक करके बेचते थे। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से वाहन चोरी और झपटमारी के कई मामले सुलझाए हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में मध्य जिले की एएटीएस की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो चोरी की मोटरसाइकिल पर मोबाइल फोन झपटते थे और उनके रिसीवर मोबाइल के लाक तोड़कर उन्हें बेच देते थे। पुलिस ने गिरोह के चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो झपटमार और दो मोबाइल फोन के रिसीवर हैं।
इनके कब्जे से चोरी व झपटे गए कुल 52 मोबाइल फोन और चोरी की दो मोटरसाइकिल बरामद हुई हैं। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सदर बाजार के गौरव उर्फ किशन, अशोक विहार के वरुण कश्यप उर्फ चिंटू, यूपी बुलंदशहर के हामिद और मलका गंज के किशन किशोर उर्फ शिवम के रूप में हुई है। इनमें वरुण और गौरव इलाके के हिस्ट्रीशीटर हैं और इनके खिलाफ डकैती, लुटपाट, सेंधमारी और हत्या के प्रयास सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से वाहन चोरी के दो और मोबाइल झपटमारी के चार मामले सुलझाने का दावा किया है।
उत्तरी जिले के उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, 21 सितंबर को एएसआइ ओम प्रकाश को सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में चोरी के मोबाइल फोन लेकर तीन से चार व्यक्ति दो चोरी की मोटरसाइकिलों पर दयाबस्ती रेलवे यार्ड रोड, सराय रोहिल्ला में किसी से मिलने आने वाले हैं।
टीम ने सूचना वाले स्थान पर जाल बिछाया। लगभग 5:30 बजे, टीम ने दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार व्यक्तियों को दयाबस्ती रेलवे स्टेशन यार्ड की ओर आते देखा। मुखबिर द्वारा पहचान करने के बाद पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। मोटरसाइकिलों की जांच करने पर दोनों सराय रोहिल्ला और गोकुलपुरी इलाके से चोरी की पाई गईं और उनके बैगों की तलाशी लेने पर चोरी के कुल 52 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
पूछताछ में पता चला कि गौरव और वरुण ने कुछ महीने पहले दोनों मोटरसाइकिलें चोरी की थीं। वे इनका इस्तेमाल झपटमारी और जेबकतरी करने के लिए करते थे। वहीं हामिद और किशन करोल बाग स्थित हामिद की मोबाइल रिपेयर की दुकान से इन चोरी के मोबाइल फोन को बेचते थे और आपस में अपना हिस्सा बांट लेते थे। पकड़े जाने से बचने के लिए हामिद विभिन्न उपकरणों की मदद से चोरी के मोबाइल फोन को अनलाक कर देता था।
उन्होंने यह भी बताया कि वह अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखते थे और वे हर शाम एक सुनसान जगह पर अपनी आगे की योजना बनाने के लिए मिलते थे।
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