385 मोबाइल फोन का कूरियर पार्सल बदलने वाला गैंग गिरफ्तार, पुलिस ने बरामद किए 376 मोबाइल
दिल्ली पुलिस ने करोल बाग में कूरियर पार्सल से मोबाइल फोन की चोरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से चोरी किए गए 376 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। आरोपियों ने कूरियर पार्सल की अदला-बदली करके इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 30 लाख रुपये मूल्य के 385 मोबाइल फोन का कूरियर पार्सल अदला-बदली कर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए करोल बाग थाना पुलिस की टीम ने चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से चोरी के 376 मोबाइल फोन और अपराध में इस्तेमाल किया गया एक ई-रिक्शा बरामद हुआ है।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान यूपी मैनपुरी के अभिषेक सिंह, विकास सिंह तोमर, झंडेवालान के किशन चौहान और उत्तम नगर के चेतन झा के रूप में हुई है। उनका एक साथी किशन चौहान अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है।
8-10 वर्षों से मोबाइल की दुकान चला रहे
उपायुक्त निधिन वल्सन के मुताबिक, छह सितंबर को करोल बाग थाने में लगभग 30 लाख मूल्य के मोबाइल फोन के चार पार्सल चोरी होने के संबंध में शिकायत दर्ज कराते हुए बिहार सिवान के मोबाइल फोन व्यापारी ने बताया कि वह पिछले 8-10 वर्षों से मोबाइल की दुकान चला रहे हैं।
मोबाइल का स्टाक खरीदने के लिए उन्होंने 31 अगस्त को करोल बाग में थोक विक्रेताओं से 385 नए मोबाइल फोन का ऑर्डर दिया था।
शिकायतकर्ता ने करोल बाग में एक कूरियर के माध्यम से स्टाॅक बुक किया और थोक विक्रेता ने चारों पार्सल कूरियर चालक अभिषेक सिंह को ई-रिक्शा में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक ले जाने के लिए सौंप दिए, जहां से उन्हें वैशाली एक्सप्रेस द्वारा भेजा जाना था।
जब शिकायतकर्ता को बिहार के सिवान में स्टाक मिला, तो पार्सल में मोबाइल फोन के बजाय कार्डबोर्ड और रद्दी कागज भरे थे।
तलाशी लेने पर मिली जखीरा
एसीपी आशीष कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपितों और पार्सल ले जा रहे ई-रिक्शा की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें आरोपितों की पहचान हुई और उनका पता लगाने के लिए मुखबिरों को तैनात किया गया।
छह सितंबर को एक गुप्त सूचना पर टीम ने छापा मारते हुए पार्सल चोरी में शामिल दो भाइयों, विकास और अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया। उनके घरों की तलाशी लेने पर 376 चोरी के मोबाइल फोन से भरे छह बक्से ले जा रहा एक ई-रिक्शा बरामद किया गया।
पूछताछ में विकास ने बताया कि वह करोल बाग में ई-रिक्शा चलाता था, जबकि उसका बड़ा भाई अभिषेक एक कूरियर कंपनी में चालक के रूप में कार्यरत था। आर्थिक तंगी के चलते विकास ने अपने दोस्त किशन चौहान (जो फिलहाल फरार है) के साथ मिलकर कीमती कूरियर पार्सल चुराने की साजिश रची थी और गत्ते व कबाड़ से भरे चार नकली पार्सल तैयार किए। वारदात वाले दिन उन्होंने झंडेवालान के पास चोरी को अंजाम दिया।
ई-रिक्शा में लाद लिया
विकास ने एक डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल करके अपने भाई अभिषेक द्वारा चलाए जा रहे कूरियर वाहन का ताला खोला, असली पार्सल को नकली पार्सल से बदल दिया और किशन व एक अन्य साथी की मदद से असली पार्सल को अपने ई-रिक्शा में लाद लिया।
वे चोरी किए गए पार्सल को करोल बाग स्थित एक ठिकाने पर ले गए, जहां उन्होंने चार पार्सल को खोलकर छह बक्सों में पैक किया जिनमें 385 मोबाइल फोन थे। इनमें से नौ फोन किशन ने ले लिए, जबकि बाकी जब्त कर लिए गए।
उनकी निशानदेही पर सोमवार को छापेमारी करते हुए झंडेवालान से किशन को गिरफ्तार किया गया और उसके सहयोगी चेतन झा को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।
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