Delhi: देशभर में बेचते घटिया आयुर्वेदिक दवाईयां, 3 कॉल सेंटरों के जरिए 6372 लोगों से दो करोड़ ठगे; 10 गिरफ्तार
देश में नामी कंपनियों के नाम पर घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाईयां बेचे जाने संबंधी फर्जीवाड़ा का भी एक मामला सामने आया है। पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जो कॉल सेंटरों के जरिए लोगों को नकली दवाईयां बेचते थे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में नामी कंपनियों के नाम पर घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाईयां बेचे जाने संबंधी फर्जीवाड़ा का भी एक मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) ने धोखेबाजों (नीम हकीम खत्रे जान) के एक गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार कर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है।
आरोपित तीन फर्जी काल सेंटरों के माध्यम से घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाइयां बेचते थे। पिछले सात सालों में गिरोह भारत भर में 6372 लोगों से 1.94 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। गिरफ्तार आरोपितों में एक एयरटेल का भी एक कर्मचारी शामिल है। इनके कब्जे से 42 मोबाइल, नौ लैपटॉप, घटिया क्वालिटी की दवाएं और हकीम सुलेमान ग्रुप का डाटा बरामद किया गया है।
डीसीपी प्रशांत पी गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम विकास पाल (स्वरूप विहार), सोनू पाल (स्वरूप विहार), राहुल सिंह (बाराबंकी, यूपी), समर (बाराबंकी, यूपी), उग्रसेन सिंह (बाराबंकी, यूपी), जितेन्द्र कुमार सिंह (बाराबंकी, यूपी), रोहित सिंह (बहराइच, यूपी), सतीश सिंह (लखीमपुर खीरी, यूपी), राजेश सिंह (हनुमान चौक, दिल्ली), व आशुतोष कुमार (पचिम विहार, दिल्ली) का रहने वाला है।
उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड (यूएमपीएल) के मैनेजर एडमिन सचिन दहिया ने आइएफएसओ के पास शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ लोगों द्वारा घटिया व मिलावटी ब्रांड वाली नकली दवाएं उनके ग्राहकों को बेचा जा रहा है।
आरोपित ग्राहकों को काल कर खुद को यूएमपीएल के कर्मचारी के रूप में पेश कर रहे हैं। वे लोग विभिन्न मोबाइल से ग्राहकों व मरीजों को काल करते हैं। लोगों को रियायती दरों पर दवाइयां बेचने का लालच दे रहे हैं, जिससे उनकी कंपनी को घाटा तो हो ही रहा है साथ ही ग्राहकों की सेहत पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
आरोप लगाया गया था कि जालसाजों ने उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड (यूएमपीएल) और लगभग 6372 ग्राहकों व मरीजों को उनके द्वारा 2017 के बाद से 1.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इसपर 28 मार्च को ठगी, आपराधिक साजिश रचने आदि कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। एसीपी जय प्रकाश व
इंस्पेक्टर अवधेश के नेतृत्व में एसआइ सोनम जोशी, हरजीत, एएसआइ नीरज पांडे, सुरेंद्र राठी, हवलदार धर्मेंद्र, मोहित, राजेश, प्रदीप व सिपाही राकेश की टीम ने कई माह तक जांच के बाद कुछ आरोपितों पहचान की। जांच के दौरान विभिन्न कोरियर कंपनियों से प्रासंगिक खाता विवरण और नंबरों के काल विवरण रिकार्ड एकत्र किए गए और उसका विश्लेषण किया गया।
यह पता चला कि खाते दिल्ली और लखनऊ से खोले गए थे। इसके अलावा दोनों शहरों में नंबरों की लोकेशन भी मिली। पहले आरोपितों के पते का पता नहीं चल रहा था। इसलिए टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक क्षेत्र की जांच की, जिसके बाद स्वरूप नगर, दिल्ली और इंदिरा नगर व जानकीपुरम (लखनऊ) स्थित तीन कॉल सेंटरों का पता लगाने में सफल रही।
इसके बाद पुलिस टीम ने तीनों स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर 10 आरोपितों को दबोच लिया गया। इनसे पूछताछ के बाद भारी मात्रा में घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाइयां बरामद की गईं।
पुलिस का कहना है कि राहुल सिंह इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। वह इंदिरा नगर, लखनऊ में उग्रसेन, समर सिंह और जितेंद्र सिंह समेत अन्य के साथ फर्जी काल सेंटर चला रहा था। उसने कई व्यक्तियों के माध्यम से एयरटेल के एक कर्मचारी राजेश सिंह से शिकायतकर्ता कंपनी का डाटा प्राप्त किया।
उसने उक्त डाटा दिल्ली के रहने वाले विकास पाल व अन्य को 60 प्रतिशत कमीशन पर बेच दिया था। इसके बाद इन काल सेंटरों पर टेलीकालर शिकायतकर्ता कंपनी व कुछ अन्य कंपनियों के नाम पर उसके ग्राहकों को रियायती दर पर दवाईयां देने का झांसा देकर उन्हें घटिया किस्म की आयुर्वेदिक दवाएं बेच रहे थे।
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