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    Delhi: अगर DDA फ्लैट का संजोया है सपना तो हो जाए सावधान! 'आशियाना' दिलाने के नाम पर ये बदमाश कर रहे थे ठगी; गिरफ्तार

    By Ritu RanaEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 07:26 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने डीडीए की योजना के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी इस गिरोह को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर झांसी और कानपुर से चला रहे थे। आरोपी सोशल मीडिया पर स्कीम का विज्ञापन देते थे।

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    Delhi: अगर DDA फ्लैट का संजोया है सपना तो हो जाए सावधान!

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्वी जिले की साइबर सेल ने डीडीए की योजना के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिला निवासी अमित कुमार, निजामुद्दीन, सुलभ नामदेव, राम अवतार के रूप में हुई है।

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    पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद हुआ है। यह गिरोह उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, झांसी और कानपुर जिले से संचालित हो रहा था। पुलिस प्राथमिकी पंजीकृत करके गिरोह में शामिल अन्य सहयोगियों और पीड़ितों की पहचान के लिए आगे की जांच कर रही है।

    सोशल मीडिया पर देते थे विज्ञापन

    पूर्वी जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अचिन गर्ग ने बताया कि वेस्ट विनोद नगर निवासी राजीव ने साइबर थाने में शिकायत देते हुए बताया कि चार अगस्त रात दस बजे करीब फेसबुक पर उन्होंने फ्लैट बुकिंग के संबंध में एक विज्ञापन देखा।

    विज्ञापन की वेबसाइट से जुड़े लिंक के माध्यम से उन्होंने एक फॉर्म भरा। जिसके बाद उन्हें एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें फ्लैट बुकिंग से संबंधित जानकारी थी। अगले दिन उन्हें एक और ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें अवधेश कुमार नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में बुकिंग राशि के रूप में 50 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा गया।

    उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसने खुद का परिचय डीडीए के एक उच्च अधिकारी रंजन मेहता के रूप देते हुए कहा कि उनका आवेदन स्वीकृत हो गया है, उन्हें रुपये जमा करने होंगे। उक्त खाते में 50 हजार और भुगतान का विवरण उस कथित ईमेल पर साझा किया जाएगा।

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    शिकायतकर्ता ने उक्त राशि का भुगतान उस कथित बैंक खाते में किया। इसके बाद कथित नंबर से दोबारा काल आया और उसे फ्लैट आवंटन की पुष्टि के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में पांच लाख रुपये और जमा करने के लिए कहा गया। इसके बाद शिकायतकर्ता सतर्क हो गया और उसने पुलिस को शिकायत दी।

    यूपी में ATM से निकाली राशि

    मामले की जांच के लिए साइबर थानाध्यक्ष अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने संबंधित बैंकों से कथित व्यक्तियों के बैंक विवरण निकाले, जिससे पता चला कि पूर्वी यूपी के विभिन्न एटीएम के माध्यम से ठगी गई रकम निकाली गई है।

    इसके अलावा संबंधित बैंकों से एटीएम के विभिन्न सीसीटीवी फुटेज की मदद से चारों आरोपितों की पहचान कर उन्हें उनके ठिकानों से पकड़ा।

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