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    Delhi: पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार

    दिल्ली पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस को इस गिरोह के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

    By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 09 May 2023 07:59 AM (IST)
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    पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक अंतरराज्यीय स्तर पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को रेलवे  नौकरी रैकेट में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शिवरामन, विकास राणा, दुबे, राहुल चौधरी और अन्य के रूप में हुई है।

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    पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह रेलवे में नौकरी की पेशकश करने के बहाने धोखाधड़ी और जालसाजी के अपराध के लिए आरोपी के खिलाफ तमिलनाडु के निवासी एम सुब्बुसामी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह एक अन्य परिचित के माध्यम से शिवरामन के संपर्क में आया।

    खुद को बताया रेलवे का बड़ा अधिकारी

    शिवरामन ने उन्हें मौद्रिक लाभ के बदले रेलवे में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने की पेशकश की। उसके बाद शिकायतकर्ता ने शिवरामन को तमिलनाडु के नौकरी चाहने वालों के बारे में बताया जो दिल्ली आए थे, जहां उनका परिचय कनॉट प्लेस में एक विकास राणा से हुआ। जिसने खुद को उत्तर रेलवे का उप निदेशक और एक IRTC अधिकारी होने का दावा किया था। दोनों आरोपितों ने उन्हें सीधे कोटे के तहत भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देने का आश्वासन दिया।

    कई पीड़ित युवाओं को दिए फर्जी प्रमाण पत्र

    शिकायतकर्ताओं ने रेलवे में अपने रोजगार के लिए शिवरामन को एक बड़ी रकम का भुगतान किया और कथित व्यक्तियों ने एक से तीन महीने का नौकरी प्रशिक्षण प्रदान किया और बाद में एक नकली प्रशिक्षण पूर्णता प्रमाणपत्र/नौकरी प्रस्ताव पत्र भी दिया था।

    नौकरी का झांसा देकर 10 से 15 लाख

    शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी और उसके सहयोगी खुद को रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश करते हुए नौकरी चाहने वालों और बेरोजगार युवाओं को 10 से 15 लाख रुपये की मोटी रकम पर भारतीय रेलवे में नौकरी देने का वादा करते थे। जांच में आरोपी व्यक्तियों के खाते में भारी धन के लेन-देन का पता चला, जिससे पुष्टि हुई कि शिकायतकर्ताओं से भुगतान प्राप्त किया गया था।

    इसके अलावा कुछ पीड़ितों के कब्जे से जाली दस्तावेज प्राप्त/जब्त किए गए थे जो कथित रूप से आरोपियों द्वारा उन्हें दिए गए थे। रेलवे भर्ती बोर्ड उत्तर रेलवे ने कभी भी शिकायतकर्ताओं को दिए गए दस्तावेज जारी नहीं किए, जिससे यह साबित हो गया कि ये आरोपी व्यक्तियों द्वारा एक-दूसरे की मिलीभगत से बनाए गए थे। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर आईपीसी पीएस ईओडब्ल्यू की कई धाराओं के तहत आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

    4 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी

    पुलिस ने बताया कि आरोपी शिवरामन को 29 दिसंबर, 2022 को नौकर क्वार्टर 3 महादेव रोड, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जबकि आरोपी विकास राणा को 24 जनवरी, 2023 को भारत-नेपाल सीमा जिले से गिरफ्तार किया गया था। दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) के आरोपी रजनीश कुमार पांडेय उर्फ सत्येंद्र दुबे को बिहार के दानापुर (पटना) से चार मई को और आरोपी राहुल को पंडित पंत मार्ग, नई दिल्ली से 6 मई को गिरफ्तार किया गया है।