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    दिल्ली में फेक करेंसी छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 24.40 लाख रुपये के नकली भारतीय नोट बरामद; दो विदेशी तस्कर गिरफ्तार

    Updated: Thu, 25 Apr 2024 12:53 AM (IST)

    दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर 24.40 लाख रुपये के नकली नोट के साथ दो विदेशी तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपित दिल्ली के एक कारोबारी को बक्से में नकली नोट देकर असली भारतीय मुद्रा लेना चाहते थे। पुलिस ने शातिरों से नकली नोट बनाने वाली एक मशीन भी बरामद की है।

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    दिल्ली में नकली करेंसी छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 24.40 लाख रुपये के नकली नकली भारतीय नोट बरामद

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर 24.40 लाख रुपये के नकली नोट के साथ दो विदेशी तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपित दिल्ली के एक कारोबारी को बक्से में नकली नोट देकर असली भारतीय मुद्रा लेना चाहते थे। पुलिस ने शातिरों से नकली नोट बनाने वाली एक मशीन भी बरामद की है।

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    पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि आरोपितों की पहचान अफ्रीका कैमरून निवासी कामदज्यू कोलबर्ट उर्फ लाजारे फोत्सो और कमलेउ नीला एलेन के रूप में हुई है। दोनों वर्तमान में मुनीरका किशनगढ़ में किराए पर रह रहे थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 19 अप्रैल को अखिल नाम के कारोबारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो विदेशी नागरिक उन्हें नकली भारतीय नोट देकर धोखाधड़ी करना चाहते हैं।

    शिकायत के आधार पर पुलिस ने अखिल से कहा कि वह दोनों को अपने पास बुला ले। इस पर अखिल ने दोनों को अपने महिपाल पुर स्थित आफिस पर बुला लिया। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर कामदज्यू कोलबर्ट उर्फ लाजारे फोत्सो और कमलेउ नीला एलेन को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी वसंत कुंज सत्यजीत सरीन, वसंत कुंज नार्थ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव कुमार, सब इंस्पेक्टर ऋषिकांत, हैड कांस्टेबल जयप्रकाश, सुनील और अनिल शामिल थे।

    आरोपितों के बक्से से मिले 500-500 के नकली नोट

    पुलिस ने आरोपितों से एक बक्सा बरामद किया। जब इसे खोलकर देखा तो इसके अंदर 500-500 नकली नोट के 24.40 लाख रुपये थे। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह खुद ही एक मशीन के माध्यम से नकली भारतीय मुद्रा बना रहे थे। वह करीब एक साल से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। दोनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

    अफ्रीका में बैठा है गिरोह का मास्टरमाइंड

    पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड बरहुरिस मलिक अफ्रीका के कांगो शहर में बैठा है। उसने ही पीड़ित अखिल से संपर्क किया था। उसने पीड़ित से कहा कि वह अपने देश में व्यापार कराने के साथ-साथ निवेश की भी व्यवस्था करते हैं। आरोपित की बात सुनने के अखिल उसकी बातों में आ गया। उसने अखिल से कहा कि उससे दो राजनयिक आकर मिलेंगे। तब अखिल से राजनयिक बनकर कामदज्यू कोलबर्ट और कमलेउ नीला ने बात की।

    25 लाख ऐंठने के लिए दिया एक करोड़ रुपये देने का लालच

    आरोपितों ने अखिल से मुलाकात कर कहा कि उनके दूतावास में करीब एक करोड़ रुपये रिजर्व रखा है। यह पैसा बरहुरिस मलिक का है। इस पैसे पर सरकारी मुहर लगी है। आरोपितों ने पीड़ित से कहा कि वह एक करोड़ रुपये उसे दिलवा सकते हैं। इसके बदले में आरोपितों ने पीड़ित से 25 लाख रुपये मांगे। दोनों सीलबंद एक बक्सा और एक मशीन लेकर अखिल के पास पहुंचे। उन्होंने अखिल से कहा कि बक्से में एक करोड़ रुपये हैं। हालांकि इससे पहले ही पीड़ित आरोपितों की करतूत को समझ गया था।

    आइबी सहित अन्य जांच एजेंसियों ने भी की पूछताछ

    पुलिस ने मामले की जानकारी इंटेलीजेंट ब्यूरो सहित अन्य जांच एजेंसी को दी। फिर दोनों से संयुक्त रूप से पूछताछ की। पुलिस की जांच में सामने आया कि गिरोह कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। पुलिस अन्य पीड़ितों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है, ताकि आरोपितों के आपराधिक रिकार्ड का भी पता लगाया जा सके।

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