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    कालकाजी मंदिर परिसर में सेवादार की हत्या मामले में नया मोड़, गिरफ्तार आरोपियों ने उगले कई सच

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 10:40 PM (IST)

    दिल्ली के कालकाजी मंदिर में चुनरी न देने पर एक सेवादार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि चार फरार हैं। पूछताछ में पता चला कि चुनरी मांगने पर हुए विवाद के बाद मोहन नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर योगेंद्र नामक सेवादार की हत्या कर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    दिल्ली के कालकाजी मंदिर में चुनरी न देने पर एक सेवादार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कालकाजी मंदिर परिसर में प्रसाद में चुनरी न देने पर सेवादार की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि घटना में शामिल चार अन्य आरोपी अभी फरार हैं। जिले की चार टीमें उनकी तलाश में दिल्ली, यूपी और हरियाणा में छापेमारी कर रही हैं।

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    पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि शुक्रवार को मोहन उर्फ ​​भूरा नाम का एक आरोपी मंदिर में दर्शन के लिए गया था। दर्शन के बाद उसने मंदिर के सेवादारों से प्रसाद में चुनरी मांगी। इस पर सेवादारों ने उसे जाने को कहा। मोहन ने चुनरी देने की जिद की तो वे उससे झगड़ने लगे। आरोप है कि इन लोगों ने मोहन की पिटाई कर दी। उस समय मोहन वहां से चला गया।

    रात में वह 8-9 लड़कों के साथ मंदिर पहुंचा। उसने हमलावरों में से एक योगेंद्र सिंह को मंदिर की धर्मशाला की ओर जाते देखा। आरोपी उसका पीछा करते हुए धर्मशाला तक पहुंच गए। वहां उन्होंने योगेंद्र को पकड़ लिया। बाद में, वे उसे घसीटते हुए मंदिर की ओर ले गए।

    वहां आरोपियों ने योगेंद्र को लाठियों से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। उसकी चीखें सुनने के बाद भी किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। पिटाई के दौरान योगेंद्र बेहोश हो गया। इसके बाद भी आरोपी उसे पीटते रहे।

    पुलिस सूत्रों का कहना है कि लाठियों से पिटाई के कारण योगेंद्र के शरीर में कई फ्रैक्चर पाए गए हैं। उसके शरीर में कितने फ्रैक्चर हैं, यह अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा। पुलिस के अनुसार, फरार चारों आरोपी तुगलकाबाद के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान रोहित, संदीप, काला और बाबी के रूप में हुई है।

    चारों आरोपी अपने परिवारों के साथ फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि मारपीट के दौरान उन्होंने इन चारों आरोपियों को लाठियों के साथ बुलाया था। फिलहाल पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

    पुलिस उपायुक्त हेमंत तिवारी के अनुसार, हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक मोहन उर्फ ​​भूरा, अतुल पांडे, कुलदीप बिधूड़ी, नितिन और नितिन के पिता को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की मदद से मामले की जाँच कर रही है।

    मामले की जाँच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोहन और उसके कई दोस्त रोज़ाना कालकाजी मंदिर जाते थे। इनमें से ज़्यादातर लोग बिना लाइन में लगे मंदिर में दर्शन करने की कोशिश करते थे। इसी बात पर सेवादारों का उनसे विवाद होता था। अधिकारी ने बताया कि ज़्यादातर सेवादार इन लड़कों को जानते थे।

    अक्सर आरोपी बिना पैसे दिए दर्शन कर लेते थे। इसके बाद, वे ज़्यादा से ज़्यादा प्रसाद लेने की कोशिश करते थे। इस वजह से सेवादार भी उनके साथ ठीक से पेश नहीं आते थे। शुक्रवार को जब मोहन ने जबरन चुनरी माँगी, तो सेवादारों ने उसकी पिटाई कर दी। इसी बात पर योगेंद्र की हत्या कर दी गई।

    वहीं, मंदिर के कुछ सेवादारों ने दबी ज़बान में दावा किया है कि शुक्रवार को दिन में हुई मारपीट में योगेंद्र ने मोहन की पिटाई नहीं की थी। मारपीट के समय वह वहाँ ज़रूर मौजूद था। जब मोहन अपने दोस्तों के साथ मंदिर आया, तो उसने योगेंद्र को पहचान लिया और उस पर हमला कर दिया।

    सेवादारों का कहना है कि योगेंद्र ने कभी किसी से मारपीट नहीं की। परिवार का भी यही दावा है। योगेंद्र के बड़े भाई कौशल का कहना है कि आरोपियों ने बिना किसी वजह के उनके भाई की हत्या कर दी। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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