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    Delhi: आनलाइन ठगी के मामले में पप्पू यादव की पार्टी का राज्य सचिव समेत दो गिरफ्तार, पुलिस ने मधुबनी से पकड़ा

    By Dhananjai MishraEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 17 Jan 2023 09:31 PM (IST)

    Delhi Police मध्य जिला की साइबर थाना पुलिस ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के राज्य सचिव दिनेश कुमार यादव को उसके साथी प्रवीन कुमार के साथ आनलाइन ठगी के एक मामले में गिरफ्तार किया है।

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    आनलाइन ठगी के मामले में पप्पू यादव की पार्टी का राज्य सचिव समेत दो गिरफ्तार, पुलिस ने मधुबनी से पकड़ा

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मध्य जिला की साइबर थाना पुलिस ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के राज्य सचिव दिनेश कुमार यादव को उसके साथी प्रवीन कुमार के साथ आनलाइन ठगी के एक मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपित दिनेश ने वर्ष 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मधुबनी के हरलाखी से चुनाव लड़ा था।

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    पुलिस जांच में पता चला है कि दोनों आरोपितों ने देशभर में 500 से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की है। आरोपितों के बैंक खातों में कुछ ही दिनों के भीतर दो करोड़ से अधिक की रकम का लेन-देन हुआ है। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक लाख रुपये नकद, ढाई लाख बैंक खाते में, छह मोबाइल, छह सिमकार्ड, एक लैपटाप और 16 डेबिट कार्ड व भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए हैं।

    मध्य जिले के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले मध्य जिला के साइबर थाने में 17.60 लाख रुपये ठगी की शिकायत की गई थी। पीड़ित मोहम्मद असकर ने बताया कि उनके दोस्त शीजू पोलैंड में रहते हैं। उन्हें भारत से कुछ लोगों को काम के लिए बुलाना था। असकर ने 30 लड़कों का इंतजाम कर शीजू को सूचना दी।

    असकर ने फेसबुक पर 'आर्यन ट्रैवल्स' का विज्ञापन देखा जो 'वीएफएस ग्लोबल' नामक कंपनी से जुड़ी थी।वीएफएस विदेश में जाने वालों की तलाश कर उनको वीजा दिलवाती है। असकर ने फेसबुक पेज पर दिए गए नंबर से संपर्क किया। असकर ने कहा कि वह उनकी कंपनी को लड़के उपलब्ध करा देगा। हर कैंडिडेट के लिए असकर से 35 हजार की डिमांड की गई।

    असकर ने 76 लड़की की डिटेल उपलब्ध करवा दी। इसके बाद उसने दिए गए बैंक खाते में 17.60 लाख रुपये आनलाइन भेज दिए। इसके बाद लड़कों के पास वीजा के साथ नियुक्ति पत्र मेल पर आ गए। सभी दिए गए पते पर पहुंचे तो पता चला सभी नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। असकर की शिकायत पर साइबर थाने ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।

    टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपितों का पता लगाने का प्रयास किया। छानबीन के दौरान पता चला कि रुपये ट्रांसफर होकर बिहार के अलग-अलग बैंकों में भेजे गए हैं। पुलिस की एक टीम को 11 जनवरी को बिहार के मधुबनी भेजा गया। टीम ने 13 जनवरी को आरोपित दिनेश और उसके सहयोगी प्रवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

    पूछताछ के दौरान दोनों ने ठगी की बात स्वीकार की। आरोपित प्रवीन ने बताया कि वह मलेशिया में काम कर चुका है। उसे वीजा लगवाने से लेकर उसको लेकर होने वाली दिक्कतों का पता था। वह पूरी प्रक्रिया को भी जानता था। प्रवीन ने दिनेश के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई।

    ऐसे करते थे ठगी

    आरोपितों ने फेसबुक पर अलग-अलग नामों से पेज बनाए। यहां यह वीएफएस संस्था से जुड़े होने की बात कर वीजा दिलवाने का भरोसा देते थे। जैसे ही लोग इनके जाल में फंसते थे, यह उनसे आनलाइन रकम ट्रांसफर करवा लेते थे। हर बार नए मोबाइल नंबर व पते से वारदात को अंजाम दिया जाता था। हर डेढ़ से दो महीनें के भीतर फेसबुक पेज को डिलीट कर दिया जाता था। ठगी की रकम मंगाने के लिए 40 से 50 रुपये में बैंक खातों को खरीदा जाता था।