सिविल इंजीनियर बना गृह मंत्री का 'OSD', गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट में बड़े पद पर मांगी नौकरी; गिरफ्तार
केद्रीय गृह मंत्री के ओएसडी के नाम से ईमेल कर गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट में एक बड़े पद पर नौकरी पाने की कोशिश कर रहे सिविल इंजीनियर को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित रोबिन उपाध्याय मेरठ का रहने वाला है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। कंपनी को केंद्रीय गृह मंत्री के ओएसडी राजीव कुमार के रूप में फर्जी ईमेल से एक ईमेल मिला था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केद्रीय गृह मंत्री के ओएसडी के नाम से ईमेल कर गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट में एक बड़े पद पर नौकरी पाने की कोशिश कर रहे सिविल इंजीनियर को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित रोबिन उपाध्याय मेरठ का रहने वाला है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
नई दिल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त डॉ. हेमंत तिवारी के अनुसार, नई दिल्ली जिले के साइबर थाने में प्रतिष्ठित कंपनी के प्रतिनिधि अक्षत शर्मा ने शिकायत दी कि उनकी कंपनी की ईमेल आईडी पर केंद्रीय गृह मंत्री के ओएसडी राजीव कुमार के रूप में फर्जी ईमेल से एक ईमेल मिला, जिसमें बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए राबिन उपाध्याय को वरिष्ठ एसोसिएट उपाध्यक्ष सह परियोजना समन्वयक के रूप में नियुक्त किया जाए।
साइबर थाने में दर्ज हुई एफआईआर
इस मेल के फर्जी होने का संदेह हुआ। इस पर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। मामले की जांच के लिए एसीपी रतन लाल के देखरेख में इंस्पेक्टर कुसुम के नेतृत्व में एसआई विपिन त्यागी, मंजीत सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों की टीम का गठन किया गया।
तकनीकी जांच और आरोपित की ईमेल आईडी का आईपी पता मेरठ आया। यह भी पता चला कि आरोपित उक्त मेल आईडी मेल करने से छह से सात दिन पहले बनाया था। इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपित राबिन को गिरफ्तार कर लिया।
नहीं मिल रहा था काम
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित राबिन को सिविल इंजीनियरिंग में 25 वर्ष का अनुभव है। वह पूर्व में कई बड़ी कंपनियों में काम कर चुका है। वर्तमान में बेरोजगार था। उसने सोचा कि अगर किसी उच्च पदस्थ अधिकारी या किसी मंत्रालय से रेफरेंस मिल जाए, तो उसे जल्द से जल्द नौकरी मिल सकती है।
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