राजधानी में पुलिस की धरपकड़ साबित हो रही बेअसर, लौटकर फिर से दिल्ली आ रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये
दिल्ली पुलिस की बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई विफल होती दिख रही है। पकड़े गए कई घुसपैठिये वापस दिल्ली लौट आए हैं जिससे सरकार और पुलिस हैरान हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस ने अभियान चलाकर उन्हें पकड़ा था लेकिन वे दोबारा आ गए। पुलिस ने सात महीनों में 2000 घुसपैठियों को बांग्लादेश भेजने का दावा किया है पर उनके बार-बार लौटने से अभियान पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: राजधानी में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ की जा रही दिल्ली पुलिस की कार्रवाई बेनतीजा साबित हो रही है।
एक तरफ गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस बांग्लादेशियों के खिलाफ जोर शोर से अभियान चलाकर उन्हें पकड़कर वापस भेज रही है, तो दूसरी तरह वे दोबारा से दिल्ली आ जाते हैं।
उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस द्वारा पिछले हफ्ते पकड़े गए बांग्लादेशियों का एक माह बाद ही दाेबारा दिल्ली आ जाने के मामले ने सरकार व दिल्ली पुलिस को हैरान कर दिया है।
लाख कोशिश के बावजूद अपेक्षित परिणाम सामने न आने से सरकार व पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है कि वे करें तो करें क्या?
गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने शुरू किया अभियान
विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर में गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की धर पकड़ के लिए जोर शोर से अभियान चलाया था।
सभी 15 जिले की पुलिस ने अपने-अपने जिले की झुग्गी बस्तियों व अन्य जगहों पर रहने वाले बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें पकड़ना शुरू कर दिया।
घुसपैठियों को पकड़ने के बाद उनकी रिपोर्ट तैयार कर पहले एफआरआरओ में पेश किया जाता है। वहां से डिपोर्ट का आर्डर करवा उन्हें सराय रोहिल्ला, इंद्रलोक स्थित डिटेंशन सेंटर में रखवा दिया जाता है।
बस बांग्लादेश की सीमा पर छोड़ दिया जाता है
चुनाव से एक सप्ताह पहले कार्रवाई रोक दी गई थी। लेकिन, चुनाव बाद दोबारा से कार्रवाई शुरू कर दी गई। 20-25 की संख्या हो जाने पर इन्हें ट्रेन से बांग्लादेश की सीमा पर ले जाकर सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सौंप दिया जाता है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेश की सरकार इन्हें अपने देश का नागरिक नहीं मानती है इसलिए पुलिस ने उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने के लिए अवैध तरीका अपनाया।
विदेशी नागरिकों को वापस भेजने की लंबी प्रक्रिया होती है। इसके चलते सीधे बार्डर पर इन्हें छोड़ा जा रहा है। जहां से बीएसएफ इन्हें बांग्लादेश की सीमा में पहुंचा दे रही है।
सराय रोहिल्ला में है एक मात्र डिटेंशन सेंटर
पहले कार्रवाई इसलिए धीमी होती थी, क्योंकि सराय रोहिल्ला में एक मात्र सेंटर है। जिसकी क्षमता महज 80 लोगों को रखने की ही है।
कार्रवाई तेज करने के लिए सभी जिले के डीसीपी को अपने-अपने जिले अथवा संयुक्त आयुक्त को रेंज में डिटेंशन सेंटर बनाने को कहा गया। इसके बाद कार्रवाई तेज की गई।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो मदर एफआईआर दर्ज कीं। क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ने भी 10 से अधिक मामले दर्ज किए ताकि उन लोगों को पकड़ा जाए जो बांग्लादेशी को वहां से दिल्ली लाने व बसाने का काम करते हैं।
दाे हजार घुसपैठियों को लौटाने का था दावा
पिछले चार पांच माह में पुलिस किसी ऐसे आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस का दावा है कि सात माह में 2000 घुसपैठिये बांग्लादेश भेज दिए गए। पहले जहां इन्हें ट्रेन से भेजे जा रहा था, दो माह से इन्हें हिंडन एयरपोर्ट से फ्लाइट से सीमा तक भेजा जा रहा है।
इस अभियान में सरकार ने कई एजेंसियों को लगा तो दिया है, लेकिन जिस तरह से घुसपैठियों के दोबारा आ जाने की बात सामने आ रही है उससे अभियान पर पानी ही फिरता दिख रहा है।
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