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Delhi Police: दिल्ली पुलिस की एक यूनिट में जल्द होने वाला है बड़ा बदलाव, नए सीपी संजय अरोड़ा ने दिए संकेत

Delhi Police रखरखाव के अभाव में खटारा हो रही है पीसीआर वैन 50 से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों की च्वाइस पोस्टिंग के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के स्टैडिंग आर्डर (स्थायी आदेश) को वर्तमान पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बदला।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2022 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2022 05:54 PM (IST)
Delhi Police: दिल्ली पुलिस की एक यूनिट में जल्द होने वाला है बड़ा बदलाव, नए सीपी संजय अरोड़ा ने दिए संकेत
Delhi Police: वर्तमान पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कुछ आदेशों में बदलाव किया है।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम, PCR) पहले की तरह जल्द अलग यूनिट हो सकती है। जिला पुलिस के साथ मर्ज कर देने पर रखरखाव के अभाव में पीसीआर वैन खटारा हो रही है। एक तो पहले से ही दिल्ली पुलिस में पीसीआर वैन की काफी कमी है। निर्भया कांड के बाद पीसीआर वैन की संख्या बढ़ा दी गई लेकिन रखरखाव के अभाव में पीसीआर वैन के खटारा हो जाने पर भविष्य में पुलिस के लिए फिर पहले जैसी समस्या खड़ी हो सकती है।

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माडल टाउन में मुख्यालय

पीसीआर का मुख्यालय माडल टाउन में हुआ करता था जहां पीसीआर के सभी आला अधिकारी बैठते थे। विशेष आयुक्त आपरेशन इस यूनिट के प्रमुख होते थे। इसके अलावा कई डीसीपी की इस यूनिट में तैनाती होती थी। मुख्यालय में मेंनटेनेंस विभाग होता था जो सभी पीसीआर वैन का मेंटनेंस का काम देखता था। वहां पीसीआर को खड़ी करने के लिए प्रर्याप्त जगह थी। हर काल के रिस्पांस टाइम पर अधिकारियों की निगरानी रहती थी।

काल पर पहुंचने के बाद पीसीआर कर्मी घटना की सही जानकारी देते थे। देर से पहुंचने पर चालक को कारण बताना होता था। पीसीआर के पास वैसे तो कुल 1000 वैन हैं जिनमें 800 वैन की पूरी दिल्ली में काम कर रही थी। इस यूनिट में करीब 8,500 कर्मचारी भी थे। राकेश अस्थाना ने करीब आठ माह पूर्व इस यूनिट को खत्म कर जिला पुलिस के साथ मर्ज कर दिया था।

50 साल से ऊपर के पुलिसकर्मी की तैनाती

इस यूनिट में अधिकतर 50 साल से ऊपर के पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती थी। यह दिल्ली पुलिस की पहली ऐसी यूनिट है जिसमें 12 घंटे डयूटी करने पर 24 घंटे का आराम मिलता है। यूनिट को जिला के साथ मर्ज कर देने पर पुलिसकर्मियों को भी थानों से अटैच कर दिया गया। यूनिट मर्ज कर देने पर हर थाने में 30-40 कर्मियों की संख्या बढ़ गई थी।

पीसीआर को जिला पुलिस के साथ मर्ज करने के कुछ समय बाद ही अस्थाना ने यह स्टैंडिंग आर्डर भी निकाल दिया कि 50 अथवा इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मी अपनी पांच च्वाइस भरकर घर के पास ट्रांसफर करा सकते हैं। ऐसे में थानों से अटैच किए गए पुलिसकर्मी अपनी सुविधा अनुसार घर के नजदीक वाले थानों अथवा यूनिटों में अपना ट्रांसफर करवा लिए। इससे पीसीआर वैन चलाने की संकट आ गई।

दो कर्मी ही चलाते थे वैन

पहले जब पीसीआर अलग यूनिट होती थी तब एक अथवा दो कर्मी ही वैन चलाते थे। ऐसे में उन्हें वैन में खराबी आने के बारे में पता होता था, जिससे वे रखरखाव कर पाते थे। जिला के साथ मर्ज होने परथानों के कर्मी इसे चलाने लगे जिससे रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थायी चालक न होने के कारण वैन का रखरखाव राम भरोसे हो रहा है।

झूठी जानकारी दे रहे

पीसीआर कर्मी काल आने पर बिना मौके पर पहुंचे डिवाइस का बटन दबा मौके पर पहुंचने की झूठी जानकारी दे रहे हैं। वर्तमान आयुक्त संजय अरोड़ा ने मंगलवार को 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की च्वाइस पोस्टिंग की अस्थाना के स्टैंडिंग आर्डर को रद कर दिया। इस फैसले से माना जा रहा है पीसीआर के खस्ताहाल को देखते हुए इसे पहले की तरह अलग यूनिट बनाया जा सकता है।


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