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    Delhi News: जस्मिन शाह के अनुरोध को योजना आयोग ने ठुकराया, नोटिस का जवाब देने के लिए नहीं मिला अतिरिक्त समय

    By Pradeep Kumar ChauhanEdited By:
    Updated: Wed, 26 Oct 2022 06:50 PM (IST)

    jasmin shah योजना विभाग ने भाजपा नेता और पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा की शिकायत के आधार पर शाह को उनके खिलाफ सार्वजनिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 17 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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    jasmin shah: शुरुआत में शाह को अपना जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था।

    नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली सरकार के योजना विभाग ने दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (डीडीसीडी) के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह की उनके खिलाफ सार्वजनिक पद के दुरुपयोग की शिकायत का जवाब देने के लिए अतिरिक्त 10 दिन की मांग को खारिज कर दिया है।शाह को अपना जवाब देने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। योजना विभाग ने भाजपा नेता और पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा की शिकायत के आधार पर शाह को उनके खिलाफ सार्वजनिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 17 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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    आप के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में काम करने का आरोप 

    शुरुआत में शाह को अपना जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। उन्होंने निर्धारित समय के भीतर ऐसा करने में विफल रहने के बाद 10 और दिनों (नोटिस का जवाब देने के लिए) मांगा था, लेकिन उन्हें 28 अक्टूबर तक अपना जवाब देने के लिए कहा गया है।वर्मा ने 13 सितंबर को अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि डीडीसीडी के उपाध्यक्ष के रूप में काम करते हुए जस्मिन शाह ने राजनीतिक लाभ के लिए आम आदमी पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में काम किया है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।

    योजना विभाग ने की जस्मिन शाह के मामले की जांच

    इस मामले की जांच योजना विभाग द्वारा की गई, जो डीडीसीडी का प्रशासनिक विभाग प्रभारी है।टीवी कार्यक्रमों में शाह की उपस्थिति के विभिन्न वीडियो फुटेज और उनके द्वारा संबोधित प्रेस वार्ता की प्रतिलिपि और समाचार पत्रों, समाचार पोर्टलों आदि में समाचार रिपोर्टों का गहन विश्लेषण करने के बाद विभाग ने प्रथम दृष्टया पाया कि वह आप के लिए अपने सरकारी कार्यालय आदि का उपयोग कर रहे थे।

    केवल कैबिनेट को ही डीडीसीडी के उपाध्यक्ष से सवाल करने का अधिकार

    जो एक लोक सेवक के आचरण के लिए निर्धारित मानदंडों के विपरीत है।हालांकि शाह का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह बात कह चुके हैं कि केवल कैबिनेट ही डीडीसीडी के उपाध्यक्ष से सवाल कर सकती है क्योंकि उसने उन्हें नियुक्त किया है और उपराज्यपाल के पास इस मामले में कोई शक्ति नहीं है।

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