आवारा ही नहीं पालतू कुत्तों पर भी कंट्रोल की जरूरत, क्या है नियम? रिकॉर्ड में आए कितने केस
दिल्ली में पालतू कुत्तों के पंजीकरण को लेकर नियमों का उल्लंघन हो रहा है जिससे लोगों को काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। नगर निगम के नियमों के अनुसार पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य है लेकिन कई लोग पंजीकरण नहीं कराते। निगम के पास कार्रवाई का अभाव है और टोकन का प्रावधान भी लागू नहीं है।

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। आवारा के साथ पालतू कुत्तों पर भी नियंत्रण की जरूरत है। इसे लेकर नियम बने हुए हैं। उसमें कुत्ते को घर में रखने से लेकर बाहर घुमाने तक का विधान दिया हुआ है। पालतू कुत्ते का पंजीकरण अनिवार्य कर रखा है।
दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र में इसका पालन कराने की जिम्मेदारी इसके ही पशु चिकित्सा विभाग की है। लेकिन, इनके अधिकारियों को रत्ती भर फिक्र नहीं है। जिस कारण नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। शौक से पालतू कुत्ते पालने वाले उन नियमों की परवाह नहीं करते। जानबूझकर कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराते। कुछ तो कुत्तों को बांधते भी नहीं है, जिस कारण आए दिन लोगों को काटने की घटनाएं सामने आती हैं।
दिल्ली नगर निगम के 12 जोन हैं। सभी जोन में मिलाकर 5767 पालतू कुत्ते पंजीकृत हैं। वहीं एक निजी संस्था के सर्वे की मानें तो निगम क्षेत्र में दो लाख से अधिक पालतू हैं। यह संस्था निजी पशु चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करती है।
वहीं, यह आंकड़ा बताता है कि पालतू कुत्तों का पंजीकरण ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इनमें भी हिंसक प्रजाति के पिटबुल, रोटवीलर, जर्मन शेफर्ड कम ही पंजीकृत हैं। ज्यादातर संख्या पोमेरेनियन, पग और देसी कुत्तों की है। ऐसा क्यों है, निगम के पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी यह कहकर बच निकलने की कोशिश करे हैं कि लोगों के घर-घर जाकर उनके पालतू कुत्तों का पंजीकरण नहीं किया जा सकता। यह लापरवाही लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रही है।
पंजीकरण न कराने वालों पर कार्रवाई शून्य
दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 399 के तहत पालतू कुत्ते के पंजीकरण के लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित है। पंजीकरण कराते वक्त कुत्ते के टीकाकरण का रिकार्ड, उसके पशुचिकित्सक का ब्योरा, पालनकर्ता के साथ कुत्ते की फोटो व कई अन्य जानकारियां दर्ज करानी होती हैं। सबको सत्यापित करने के बाद पंजीकरण किया जाता है।
इस अधिनियम में प्रविधान है कि गैर पंजीकृत कुत्ता घूमता हुआ नजर आए तो उसे जब्त किया जा सकता है। लेकिन निगम के पास एक भी ऐसा ब्योरा नहीं, जिसमें उसने कार्रवाई की हो। चालान का प्रविधान भी है।
टोकन नहीं देता निगम
पंजीकृत और गैर पंजीकृत कुत्ते की पहचान के लिए अधिनियम में टोकन का प्रविधान है। मालिक के लिए आवश्यक है कि वह कुत्ते के गले में पट्टे के साथ इस टोकन को लटकाए, ताकि उसके पंजीकरण की पहचान आसानी से हो सके। लेकिन, निगम यह टोकन नहीं देता।
पालतू कुत्ते को लेकर यह हैं नियम
- कुत्ते को पट्टे से बांधकर रखना अनिवार्य
- बाहर घुमाते वक्त कुत्ते के मुंह पर जाली लगी होनी चाहिए
- कुत्ता किसी को काट ले या किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाए तो उसके लिए उसे पालने वाला जिम्मेदार है, वह ही उपचार का खर्च और नकुसान की भरपाई करेगा
- अगर कुत्ता कहीं गंदगी करता है तो उसे साफ करने की जिम्मेदारी भी उसे पालने वाले की है
पालतू कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की घटनाएं
- 14 मई 2024 : गोरख पार्क में देसी नस्ल के कुत्ते ने 22 वर्षीय युवती को काटा था।
- 30 मई 2024 : गोकलपुरी थाना क्षेत्र में पिटबुल ने बच्ची को काटा।
- 08 अप्रैल 2024 : गोकलपुरी इलाके में कुत्ते ने किशोरी को काटा।
- 22 सितंबर 2023 : न्यू उस्मानपुर क्षेत्र में स्कूल जा रही छात्रा को कुत्ते ने काटा।
- 21 सितंबर 2023 : न्यू उस्मानपुर में स्कूल जा रही चौथी कक्षा की छात्रा को पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने काटा। यह पालतू था, जिसे कोई निगम के बंध्याकरण केंद्र में छोड़ गया था।
- 10 जून 2023 : गीता कालोनी में पांच वर्ष के बच्चे को पड़ोसी के लैब्राडोर रिट्रीवर नस्ल के कुत्ते ने घर में घुस काटा। इस घटना में बच्चे के हाथ की हड्डी भी टूटी थी
- 06 मई 2023 : त्रिलोकपुरी में दुकानदार को एक व्यक्ति ने पालतू कुत्ते से कटवाया। दुकानदार ने दुकान के सामने कुत्ते को शौच कराने पर आपत्ति जताई थी।
- 17 अगस्त 2022 : गीता कालोनी इलाके में पालतू कुत्ते को लेकर विवाद में एक कारोबारी की पिटाई। कुत्ते के मालिक ने क्रिकेट के बल्ले से सिर फोड़ दिया था।
- 29 नवंबर 2021 : आइपी एक्सटेंशन स्थित जय लक्ष्मी अपार्टमेंट में पालतू जर्मन शेफर्ड नस्ल कुत्ते ने कड़कड़डूमा कोर्ट के एक जज को काट लिया था।
पालतू कुत्तों के पंजीकरण पर जोर दिया जाएगा। जल्द ही इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग को निर्देश दिया जाएगा। - सत्या शर्मा, अध्यक्ष, स्थायी समिति, दिल्ली नगर निगम
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