संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। इस वर्ष जनवरी में दिल्लीवासियों ने कड़ाके की सर्दी के साथ पिछले वर्ष की तुलना में अधिक प्रदूषित हवा का भी सामना किया है। इस जनवरी न केवल ‘गंभीर’ व ‘बहुत खराब’ श्रेणी के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) वाले दिन बढ़ गए, बल्कि ‘खराब’ व ‘मध्यम’ श्रेणी के दिन घट भी गए। इस बार जनवरी का औसत एक्यूआइ भी जनवरी 2022 की तुलना में अधिक रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी में तीन दिन दिल्ली का एक्यूआइ 400 से ऊपर ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। 15 दिन 300 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, तो 11 दिन 200 से 300 के बीच ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ। सिर्फ एक दिन ऐसा रहा जब एक्यूआइ 200 से नीचे ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा। ‘संतोषजनक’ व ‘अच्छी’ श्रेणी में एक भी दिन हवा नहीं रही। 2016 से इस वर्ष तक के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016, 2018, 2019 एवं 2021 की जनवरी ज्यादा प्रदूषित रही थी। 2017 की जनवरी कम प्रदूषित, 2020 व 2022 की जनवरी में हवा इन वर्षों से ज्यादा साफ रही थी।

बारिश से सुधरी दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता

रुक-रुककर लगातार 24 घंटे तक हुई वर्षा से सोमवार को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ। सीपीसीबी द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का एयर इडेक्स 207 रहा। इसे ‘खराब’ श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यह 331 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। 24 घंटे के भीतर इसमें 124 अंकों की गिरावट आ गई। पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 88 एवं 139 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। सफर इंडिया का कहना है कि अभी दो तीन दिन एयर इंडेक्स में ज्यादा बदलाव के आसार नहीं हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पूर्व अपर निदेशक डा. दीपांकर साहा ने कहा- इस वर्ष जनवरी में बीते साल की तुलना में ‘गंभीर’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले दिन बढ़ गए हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि दो दिन पहले (शनिवार) तक पूरा महीना सूखा रहा था। एक भी दिन वर्षा नहीं हुई। बीच में लंबी शीतलहर और कोहरे का प्रकोप भी रहा।

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Edited By: Nitin Yadav