Delhi Air Pollution: सर्दी में दो तिहाई प्रदूषण दिल्ली का रहा अपना, एक तिहाई बाहरी
Delhi Air Pollution वाहनों का धुआं भी 17 प्रतिशत तक प्रदूषण बढ़ा रहा है। सड़क पर टायरों की रगड़ से पैदा होने वाले एयरोसोल एवं प्लास्टिक प्रोसेसिंग में ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण (Air Pollution) से जंग में दिल्ली की पहली सुपरसाइट की औपचारिक शुरूआत भले ही सोमवार को हुई हो, लेकिन इसमें प्रदूषण के स्त्रोतों की पहचान पहले से ही चल रही थी। सोमवार को तीन माह का एक आकलन साझा किया गया जिससे पता चलता है कि सर्दी में राजधानी के वायु प्रदूषण में दो तिहाई हिस्सा अपने कारकों का, जबकि एक तिहाई बाहरी वजहों का रहा है।
इस आकलन के मुताबिक एक नवंबर, 2022 से 29 जनवरी, 2023 तक तीन माह के दौरान दिल्ली के प्रदूषण में 33 प्रतिशत तक का योगदान एनसीआर के थर्मल पावर प्लांटों, ईंट भट्ठों, औद्योगिक इकाइयों एवं पराली के धुएं का रहा है। उत्सर्जन के समय यह कारक गैसों के रूप में थे, जबकि हवा के साथ यहां तक आते-आते प्रदूषण कण में बदल गए। लेकिन, 67 प्रतिशत प्रदूषण की वजह दिल्ली के अपने कारक रहे हैं।
खुले में कचरा जलाना 24 प्रतिशत प्रदूषण की वजह
खास बात यह कि 24 प्रतिशत प्रदूषण की वजह खुले में कचरा या गोबर के उपले-पत्ते-लकड़ी जलाना है। वाहनों का धुआं भी 17 प्रतिशत तक प्रदूषण बढ़ा रहा है। सड़क पर टायरों की रगड़ से पैदा होने वाले एयरोसोल एवं प्लास्टिक प्रोसेसिंग में निकल रहे प्रदूषक कण भी 12 प्रतिशत तक प्रदूषण फैलाते हैं।
सात प्रतिशत प्रदूषण ढाबों के तंदूर में जलाए जा रहे कोयले और उसकी राख से फैल रहा है। तीन प्रतिशत प्रदूषण घरेलू कारणों, यानी खाना बनाने के तौर तरीकों व साफ-सफाई की वजह से है। दो प्रतिशत प्रदूषण औद्योगिक क्षेत्रों में चोरी छिपे जलाए जा रहे प्लास्टिक कचरे से हो रहा है।

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