Delhi Air Quality: 24 घंटे में बिगड़े हालात, 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता; CAQM ने की आपात बैठक
Delhi Air Quality Index शांत हवाओं के कारण दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स रविवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। एक ही दिन में सौ से अधिक अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। विभिन्न इलाकों का एक्यआइ भी 400 से ऊपर ही रहा।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। शांत हवाओं के कारण दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई, AQI) रविवार को 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया। एक ही दिन में सौ से अधिक अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। विभिन्न इलाकों का एक्यआइ भी 400 से ऊपर ही रहा। हालांकि सफर इंडिया का कहना है कि तेज हवा एवं वर्षा का दौर शुरू होने की संभावना के चलते सोमवार से इसमें फिर कमी आने लगेगी।
इसीलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) ने भी आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा तो की, लेकिन ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) तीन के प्रतिबंधों को लागू करने की जरूरत नहीं समझी।
407 रहा एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 407 रहा। शनिवार को यह 294 था। यानी हवा ''खराब'' श्रेणी में थी, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही इसमें 113 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। इस स्तर की हवा को ''गंभीर'' श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआइ इस समय 400 के ऊपर ही बना हुआ है।
दिल्ली के ज्यादा भीड़-भाड़ और ट्रैफिक वाले इलाकों जैसे- आइटीओ, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर आठ, शादीपुर और वजीरपुर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है।
यहां की हवा सबसे खराब
आइटीओ - 438
नेहरू नगर - 443
द्वारका सेक्टर- 444
वजीरपुर - 435
शादीपुर - 434
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सीएक्यूएम की उप समिति ने किया विचार विमर्श
सीएक्यूएम की उप-समिति ने रविवार को एक बैठक में इस स्थिति का जायजा लिया और कहा कि क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता में अचानक और तेज गिरावट अस्थायी घटना है। पूर्वानुमान समग्र एक्यूआइ में हुए इस वृद्धि के साथ ही इसमें तत्काल सुधार की भविष्यवाणी करते हैं। सीएक्यूएम ने एक बयान में कहा, "रविवार रात से ही यह ''बहुत खराब'' श्रेणी में आ जाएगा।"
मौसम विभाग और आइआइटीएम पुणे के अनुसार भी राजधानी के एक्यूआइ में आने वाले दिनों में ''खराब'' और ''बहुत खराब'' श्रेणियों के बीच बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव होने की संभावना है। "वायु गुणवत्ता परिदृश्य और अन्य प्रासंगिक पहलुओं की व्यापक समीक्षा करने के बाद ही उप-समिति ने निर्णय लिया कि ग्रेप के पहले और दूसरे चरण के तहत जारी प्रतिबंध लागू रहेंगे जबकि ग्रेप का तीसरा चरण लागू करने आवश्यक नहीं है।"