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    Delhi: केजरीवाल सरकार ने सतर्कता सचिव को खोलने नहीं दिया कमरा, काम वापस लिया; बढ़ती जा रही राजशेखर की परेशानी

    By Jagran NewsEdited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Wed, 17 May 2023 11:56 PM (IST)

    सतर्कता विभाग के विशेष सचिव की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले केजरीवाल सरकार ने राजशेखर से विभाग का सारा काम वापस लेने का नोटिस जारी किया अब उन्हें एनजीओ ने कानूनी नोटिस भेजा गया। साथ ही केजरीवाल सरकार से कार्रवाई की मांग की।

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    NGO ने राज शेखर को भेजा कानूनी नोटिस

    नई दिल्ली,  राज्य ब्यूरो। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते काम से हटाए गए दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के विशेष सचिव (आईएएस) वाईवीवीजे राजशेखर की परेशानी बढ़ती जा रही है। अब उनके खिलाफ दिल्ली स्थित एक स्वयंसेवी संगठन अभिनव मंच ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, उत्पीड़न और धमकी देने जैसे आरोप लगाते हुए एनजीओ ने इस मामले में दिल्ली सरकार को शिकायत दी है, जिसमें संस्था ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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    पैसा ऐंठने और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप

    दिल्ली सरकार के अनुसार इन शिकायतों से अलग अभी ताजा मामले में उन पर पैसा ऐंठने और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप भी हैं। इन मामलों पर दिल्ली के सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि राजशेखर के खिलाफ कई शिकायतें हैं, जिस पर कार्रवाई करते हुए उनसे उनका सारा काम ले लिया गया है। एनजीओ की सभी शिकायतों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि हम इसकी निष्पक्ष जांच भी कराएंगे।

    राजशेखर दिल्ली सचिवालय की चौथी मंजिल पर सतर्कता विभाग के विशेष सचिव के कार्यालय में बैठते थे, इसे मंगलवार काे सील कर दिया गया है। मंगलवार से ही इस कार्यालय के सामने दिल्ली पुलिस का चौबीस घंटे पहरा बैठा दिया गया है। सचिवालय के सूत्रों ने कहा है कि राजशेखर बुधवार सुबह काे 11 बजे के करीब इस कमरे को खुलवाने के लिए गए थे, मगर उन्हें कमरा नहीं खोलने दिया गया है। वह अब अपने दूसरे विभाग पांचवी मंजिल पर सेवाएं विभाग में बैठ रहे हैं।

    बताया जा रहा है कि सरकार उनसे यह चार्ज भी वापस लेने जा रही है। आरोपों की बात करें तो एनजीओ ने अपने आरोप में कहा है कि वाइवीवीजे राजशेखर उन तीन वरिष्ठ नौकरशाहों में से एक हैं, जिन्होंने सीएनजी फिटनेस घोटाले में प्राइवेट प्लेयर को लाभ पहुंचाने के लिए दस्तावेजों में बदलाव किए और अब जांच का सामना कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि राजशेखर उस समय दो अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बतौर अतिरिक्त सचिव सतर्कता कार्यरत थे और उनके द्वारा कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों की व्यवस्था की गई थी, ताकि आरोपित व्यक्तियों का अनुचित पक्ष दिखाया जा सके और चल रही जांच को रोका जा सके।

    दूसरी कंपनी को दिया गया काम

    एनजीओ का कहना है कि दिल्ली सरकार को बुराड़ी में ट्रांसपोर्ट अथारिटी के अंदर सीएनजी वाहनों के संचालन और रखरखाव के लिए अनुबंध करने में 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा था, क्योंकि निविदा के जरिये ईएसपी यूएसए कंपनी को काम दिया गया था, लेकिन नियमों को ताख पर रखकर उस काम को ईएसपी यूएसए की जगह ईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। इसके लिए सीबीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से विभागीय कार्रवाई करने और उसके खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश भी की थी।

    इसके अलावा 2001 में जब राजशेखर एसडीएम (पर्यावरण) थे, तब केंद्रीय सर्तकता आयोग द्वारा सर्वोच्च अदालत के आदेश के अनुसार प्रदूषण फैलाने वालीं औद्योगिक इकाइयों को सील करने में उनकी भूमिका को लेकर गंभीर आरोप लगाया गया था। उस समय एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा जांच के बाद राजशेखर को पद से हटा दिया गया था। आराेप के अनुसार राज्य में बेनामी संपत्ति और प्राइवेट प्लेयर्स के साथ मिलकर एनडीएमसी को भी इनके माध्यम से नुकसान पहुंचाया गया है।

    अपने खिलाफ आरोपों को राजशेखर ने किया खारिज

    अपने खिलाफ सभी आरोपों को खारिज करते हुए राजशेखर ने कहा कि उन्होंने एलजी वीके सक्सेना को दस्तावेजी साक्ष्य के साथ 157 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें इस तथ्य का हवाला दिया गया है कि उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है। उन्होंने सीएनजी किट मामले पर कहा है कि उन्होंने कभी भी परिवहन विभाग में काम नहीं किया। इस मामले में उनके खिलाफ दिल्ली विधानसभा ने भी जांच की थी और उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला था।

    इसके अलावा देश के सर्वोच्च सतर्कता प्राधिकरण, यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा भी पहले ही पूछताछ और जांच की जा चुकी है और उनके खिलाफ जांच में कुछ नहीं मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है।इसके अलावा गृह मंत्रालय ने एनडीएमसी की शिकायतों के मामले में झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। केंद्रीय सतर्कता अधिकारी ने अपनी 2018 की रिपोर्ट में बताया था कि आरोप वाईवीवीजे राजशेखर की छवि को धूमिल करने के लिए व्यवस्था में भ्रम पैदा करने के लिए लगाए जा रहे हैं।

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