Delhi News: LG वीके सक्सेना ने इसलिए लौटा दी दिल्ली जल बोर्ड के सीएजी आडिट की फाइल, मामले की जांच के दिए आदेश
जल बोर्ड के पिछले 15 वर्षों के कामकाज के सीएजी आडिट की फाइल एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को वापस लौटा दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जल बोर्ड (डीजेबी) में पिछले 15 साल के सीएजी आडिट का आदेश दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एलजी की ओर से कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 तक आडिट हो चुका है

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जल बोर्ड के पिछले 15 वर्षों के कामकाज के सीएजी आडिट की फाइल एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को वापस लौटा दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जल बोर्ड (डीजेबी) में पिछले 15 साल के सीएजी आडिट का आदेश दिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एलजी की ओर से कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 तक आडिट हो चुका है लेकिन इसे विधानसभा में पेश नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक एलजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा है कि वे 2018-19 से जल्द आडिट कराएं और निश्चित समय सीमा के भीतर एक्शन लें। एलजी की ओर से फाइल लौटाए जाने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं एलजी सचिवालय ने भी इस पर तत्काल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
यहां बता दें कि जल बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच केजरीवाल ने जल बोर्ड के पिछले 15 साल (2008 तक) का सीएजी आडिट कराने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि जलमंत्री आतिशी ने सीएम के जरिए प्रस्ताव एलजी वीके सक्सेना को भेजा था। एलजी ने फाइल पर लिखा कि जल बोर्ड के खातों की 2017-18 तक सीएजी आडिट हो चुका है और जलमंत्री, शहरी विकास मंत्री व मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी। एलजी ने इस बात पर हैरानी जताई कि बिना फैक्ट चेक या बेसिक होमवर्क किए यह प्रस्ताव भेज दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक एलजी ने पिछली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सीएजी ने गंभीर टिप्पणियां की थीं और अनियमितताओं को रेखांकित किया था। गौरतलब है कि हाल के दिनों में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरते हुए दिल्ली जलबोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जल बोर्ड में फंड की कमी के बीच सरकार ने ऑडिट का आदेश दे दिया था।
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