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    दिल्ली की 2 अनधिकृत कालोनी व तीन गांव में बिछेगी सीवर लाइन

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Sun, 12 Feb 2023 08:15 AM (IST)

    दिल्ली के मुंडका विधानसभा क्षेत्र में स्थित 2 अनधिकृत कालोनियों और तीन गांव में 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। साथ ...और पढ़ें

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    दिल्ली की 2 अनधिकृत कालोनी व तीन गांव में बिछेगी सीवर लाइन। फोटो सोर्स- EIACP।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी दिल्ली के मुंडका विधानसभा क्षेत्र में दो अनधिकृत कालोनियों और तीन गांव में 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को मंजूरी दी गई है। साथ ही मुंडका में दो एमएलडी और छह एमएलडी क्षमता वाले दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 15 एमएलडी और छह एमएलडी क्षमता वाले दो सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा। इन परियोजनाओं की कुल लागत 146.36 करोड़ रुपये है। इससे मुंडका विधानसभा क्षेत्र के करीब 45 हजार लोगों को फायदा होगा।

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    उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने परियोजना को मंजूरी देने के बाद बताया कि मुंडका विधानसभा क्षेत्र में दो अनाधिकृत कालोनियों और तीन गांव में 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। लोगों के घरों में हाउस सीवर कनेक्शन भी दिया जाएगा। यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जोकि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है। इससे प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है।

    इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने को हर घर को सीवेज से जोड़ने का निर्णय लिया है। यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा।

    मुंडका क्षेत्र के घेवरा गांव में 12.5 किमी लंबी सीवर लाइन डालने से करीब 11 हजार लोगों को फायदा होगा। दो एमएलडी एसटीपी और छह एमएलडी एसपीएस का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 51 करोड़ रुपये है। वहीं, दो अनाधिकृत कालोनियों और निजामपुर और सावदा गांव में 39.72 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। परियोजना से करीब 33 हजार की आबादी को लाभ होगा।

    एसटीपी के दोबारा इस्तेमाल पर होगा जोर

    सिसोदिया ने बताया कि मुंडका में बनाए जाने वाले एसटीपी से शोधित पानी के रीसाइक्लिंग और दोबारा उपयोग पर जोर दिया जाएगा। उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी बेहत उपयोगी है। इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

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