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    Delhi News: 73 रुपये समायोजित न करने पर एमटीएनएल देगा ढाई हजार

    By Babli KumariEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jun 2022 10:45 AM (IST)

    टेलीफोन का कनेक्शन खराब होने की अवधि के दौरान चुकाए गए 73 रुपये समायोजित करने और एक माह का बिल संशोधित करने की बुजुर्ग की गुहार को नजरअंदाज करना महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को भारी पड़ गया।

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    टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) भुगतान करेगा ढाई हजार रुपये

    पूर्वी दिल्ली, आशीष गुप्ता। टेलीफोन का कनेक्शन खराब होने की अवधि के दौरान चुकाए गए 73 रुपये समायोजित करने और एक माह का बिल संशोधित करने की बुजुर्ग की गुहार को नजरअंदाज करना महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को भारी पड़ गया। नाराज बुजुर्ग ने उत्तर पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत कर दी। अब आयोग ने एमटीएनएल को आदेश दिया है कि वह बुजुर्ग के 73 रुपये आगामी बिल में समायोजित करे और एक माह के बिल को संशोधित करे। साथ ही शोषण पर और कानूनी खर्च के लिए बुजुर्ग को ढाई हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का निर्णय सुनाया है।

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    शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क बी-ब्लाक में रहने वाले बुजुर्ग ओम प्रकाश वाधवा के घर में एमटीएनएल का टेलीफोन लगा है। उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में आठ मई 2018 को एमटीएनएल के खिलाफ शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि क्षेत्र में जलभराव और गड्ढे खोदे जाने से 15 जून 2016 से 20 अगस्त 2016 तक उनके टेलीफोन का कनेक्शन ठप रहा। इस बीच उन्होंने एमटीएनएल को पहली शिकायत 18 जून 2016 को दी थी, जिसे पंजीकृत नहीं किया गया था। एक अगस्त 2016 को भी पत्र के माध्यम से शिकायत की थी। साथ ही कनेक्शन खराब होने के दौरान की अवधि का बिल संशोधित करने की गुहार लगाई थी।

    ओम प्रकाश वाधवा ने आरोप लगाया था कि टेलीफोन कनेक्शन खराब होने के दौरान आए बिल को उचित रूप से संशोधित नहीं किया गया था। जुलाई 2016 में टेलीफोन का उपयोग न करने के बावजूद उन्होंने 73 रुपये बिल चुकाया।

    अगस्त 2016 का पूरे माह का 267 रुपये बिल भेज दिया गया था, जबकि उस महीने में 20 दिन कनेक्शन खराब था। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि उनकी बिल संशोधन और समायोजन की अर्जी पर एमटीएनएल के बिलिंग विभाग से उनको धमकी दी गई थी। उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से गुहार लगाई थी कि ज्यादा भुगतान हो चुकी राशि का समायोजन आगामी बिलों में कराया जाए। अगस्त 2016 के बिल को संशोधित किया जाए।

    आयोग के समक्ष एमटीएनएल ने पक्ष रखा कि ओम प्रकाश वाधवा के फोन का कनेक्शन 15 जून से 31 जुलाई 2016 तक ही खराब था। इस दौरान बिल की रियायत दे दी गई थी। एक अगस्त 2016 को कनेक्शन दुरुस्त कर दिया था। साथ ही कहा कि जिन तिथियों पर शिकायत करने का जिक्र किया गया, वह सही नहीं है।